
योजना में संरक्षित खेती जैसे पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, मशरूम यूनिट, राइपनिंग चैम्बर, कोल्ड स्टोरेज, प्री कूलिंग यूनिट, प्याज भंडारण गृह, ट्रैक्टर (20 बीएचपी तक), पावर ट्रिलर, प्लांट हेल्थ क्लीनिक आदि योजनाएं शामिल हैं। राज्य सरकार के इस योजनाओं से किसानों को बहुत लाभ होने की संभावना है, आधुनिक खेती से वे फलों, सब्ज़ियों और दुसरे प्रोडक्ट्स के उत्पादन में तेज़ी से विर्धि भी कर सकते हैं।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसानों को अपने प्रोजेक्ट की तीन प्रतियां जिला उद्यान अधिकारी, राजकीय उद्यान, गोरखपुर के कार्यालय में जमा करनी होंगी। प्रोजेक्ट की स्वीकृति निदेशालय उद्यान, लखनऊ द्वारा परीक्षण के बाद दी जाएगी।
महत्वपूर्ण बात यह है कि योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर किया जाएगा। इसलिए किसान समय से आवेदन करें ताकि उन्हें इस योजना का भरपूर लाभ मिल सके। यह योजना प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और आधुनिक बागवानी की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।