महंगी लागत और कम मांग ने फालसे की खेती पर लगाई ब्रेक

Nursery Today    17-May-2025
Total Views |

falsa new
 
 
हाथरस: गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने और सेहत के लिए फायदेमंद माना जाने वाला फल फालसा अब बाजार में कम दिखाई देने लगा है। कारण है – ज्यादा लागत, कम मुनाफा और घटती मांग। किसान अब इसकी खेती से दूरी बना चुके हैं। पांच साल पहले हाथरस जिले के सासनी, सहपऊ, सादाबाद और अलीगढ़ में करीब 500 बीघा में फालसे के बाग हुआ करते थे।
 

लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। किसानों का कहना है कि एक बीघा फालसे की खेती में करीब 4,500 रुपये खर्च आता है, जबकि मुनाफा सिर्फ 2,000 से 3,000 रुपये तक ही होता है। बारिश हो जाए तो पूरा फल बर्बाद हो जाता है। इसके अलावा मजदूरों की कमी और बढ़ती लागत ने भी किसानों को यह खेती छोड़ने को मजबूर कर दिया।

हाथरस फल मंडी के थोक विक्रेता अनिल शर्मा ने बताया कि अब फालसा पास के जिलों से आता है, जैसे आगरा के सैंया, रोहता और जारुआ कटरा से। लेकिन वहां से भी इसकी आवक बहुत कम होती है। भाव ज्यादा होने से खरीदार भी कम हो गए हैं।

 

फालसा गर्मियों में शरीर को ठंडा रखता है, पाचन को सुधारता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। लेकिन अब यह फल किसानों की प्राथमिकता से हट चुका है, जिससे इसके स्वाद और सेहत के फायदे लेने वाले लोगों को निराशा हाथ लग रही है।