मुजफ्फरपुर: बिहार के लीची किसानों के लिए एक बड़ी चेतावनी सामने आई है। कृषि विभाग ने लीची उत्पादकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें लीची के बागानों में "स्टिंक बग" नामक खतरनाक कीट के प्रकोप से सावधान किया गया है। स्टिंक बग गुलाबी या भूरे रंग का कीट होता है जो झुंड में हमला करता है। यह लीची के पेड़ की नई कलियों, पत्तियों, फूलों, छोटे फलों और कोमल शाखाओं से रस चूसता है, जिससे ये सभी हिस्से काले पड़कर गिरने लगते हैं।
पिछले साल मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण के कुछ इलाकों में इस कीट का असर देखा गया था और इस साल भी इसके फैलने की आशंका जताई जा रही है। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे बगीचों की नियमित निगरानी करें और शुरुआती लक्षण दिखते ही उचित कदम उठाएं।
स्टिंक बग से होने वाला नुकसान:कीट झुंड में एक साथ हमला करता है, नई कलियों, फूलों और फलों से रस चूसता है, फूल और फल काले होकर गिर जाते हैं, पेड़ की ग्रोथ रुक जाती है, उत्पादन में 80% तक की गिरावट हो सकती है।
बचाव के घरेलू उपाय:सुबह के समय लीची के पेड़ों की शाखाओं को हल्के से हिलाएं, नीचे गिरने वाले कीटों को इकट्ठा कर मिट्टी में दबाकर नष्ट करें, बगीचे की नियमित निगरानी करें, शुरुआती संक्रमण पर तुरंत कीटनाशकों का उपयोग करें।
कृषि विभाग ने यह भी कहा है कि अगर किसान समय रहते सतर्क नहीं हुए तो यह कीट पूरे बाग को बर्बाद कर सकता है। लीची की फसल को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता और समय पर कार्रवाई बेहद जरूरी है।