बढ़ता प्रदूषण बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए बना खतरा: चिकित्सकों की चेतावनी

19 May 2025 13:59:28

taj mahal new
 
 
आगरा: आगरा में बढ़ता प्रदूषण अब लोगों की सेहत पर सीधा असर डाल रहा है। खासकर बच्चे इसके सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। एक हालिया कार्यशाला में चिकित्सकों ने बताया कि शहर में 11 फीसदी बच्चे दमा (अस्थमा) की समस्या से जूझ रहे हैं। माल रोड स्थित एक होटल में इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल मेडिसिन द्वारा आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि अगर प्रदूषण पर जल्द रोक नहीं लगी, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
 

कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. गोपीचंद गुप्ता ने बताया कि बच्चों में दमा के मामले 8 से 11 फीसदी तक पहुंच गए हैं। इसकी बड़ी वजहें हैं – वाहन और कारखानों से निकलता धुआं, कचरा जलाना और हवा में मौजूद परागकण। प्रदूषण के कारण बुज़ुर्गों के साथ भी सांस लेने जैसी परेशानी सामने आयी है।

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डॉ. एसके शर्मा ने कहा कि लकड़ी और उपलों पर खाना बनाना, कार्यस्थलों पर हवा की निकासी की कमी भी दमा को बढ़ावा देती है। डॉ. एएस सचान ने लोगों से अपील की कि अगर सांस फूलने, खांसी, छींकें या सीने में जकड़न जैसी शिकायत हो, तो तुरंत दमा की जांच कराएं।

 

डॉ. वरुण चौधरी ने एलर्जिक अस्थमा के बारे में जानकारी दी और बताया कि प्रदूषित कण सांस की नलियों को संक्रमित कर देते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। अन्य विशेषज्ञों ने भी प्रदूषण से बचाव के उपाय बताए। कार्यशाला के संयोजक डॉ. प्रशांत प्रकाश ने सभी का आभार जताया।

 
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