बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर हरी मिर्च की खेती की ओर बढ़ रहे हैं और इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। हरी मिर्च की खेती साल भर की जा सकती है, लेकिन खासतौर पर गर्मियों में इसकी पैदावार ज्यादा और गुणवत्ता बेहतर होती है। बांसा गांव के किसान उमेश चंद यादव पहले धान, गेहूं और मेंथा की खेती करते थे, लेकिन जब उसमें लाभ नहीं हुआ तो उन्होंने देसी हरी मिर्च की खेती शुरू की।
आज वे लगभग 4 बीघा जमीन में मिर्च की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1 बीघे में 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है और एक सीजन में डेढ़ से दो लाख रुपये तक का मुनाफा हो जाता है। इस खेती की खास बात यह है कि बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है और व्यापारी खेत से ही मिर्च खरीदकर ले जाते हैं। मिर्च के बीज से नर्सरी तैयार की जाती है, फिर खेत की जुताई कर 12 इंच की दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं। पौधों की सिंचाई और कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से पौधे स्वस्थ रहते हैं।
पौधा लगाने के 60 से 65 दिन बाद मिर्च आनी शुरू हो जाती है, जिसे किसान करीब 5 महीने तक बेच सकते हैं। आसान खेती और अच्छा मुनाफा होने के कारण बाराबंकी के किसान अब तेजी से हरी मिर्च की खेती को अपना रहे हैं।