
उन्होंने बताया कि बागवानी के लिए खेत का वह हिस्सा चुनना चाहिए जहां भरपूर धूप आती हो। सीधे जमीन में बागवानी करना कंटेनर या उभरी हुई क्यारी की तुलना में ज्यादा लाभकारी होता है, क्योंकि इससे पौधों को भूजल आसानी से मिल जाता है और सिंचाई की जरूरत भी कम पड़ती है।
डॉ. सिंह ने बताया कि ऊसर जमीन में बेर, बेल और आंवला जैसे फल उगाए जा सकते हैं, जबकि उपजाऊ भूमि में केला, पपीता, आम और अमरूद की खेती बेहतर रहती है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर किसान मशीन से 5 फीट गहरा गड्ढा खोदकर मिट्टी हटा दें, तो ऊसर जमीन को भी बागवानी के लायक बनाया जा सकता है।
अच्छी फसल के लिए 1 मीटर गहरा गड्ढा खोदकर उसमें करीब 1 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद भरें। साथ ही कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से उचित उर्वरकों का प्रयोग करें। यह तरीका न सिर्फ मिट्टी की गुणवत्ता सुधारेगा, बल्कि उत्पादन में भी बढ़ोतरी करेगा। डॉ. सिंह का कहना है कि यह समय बागवानी शुरू करने के लिए बिल्कुल सही है। यदि किसान इन उपायों को अपनाएं, तो वे खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।