इस बार हालात कुछ बदले-बदले नजर आए। राज्य सरकार और बागवानी विभाग की ओर से किसानों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए एंटी हेलनेट (ओलावृष्टि रोधी जाल) जालों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें।
कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मीकांत शर्मा के अनुसार, इस वर्ष ओलावृष्टि से अब तक केवल 3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि पहले यह नुकसान कई गुना अधिक होता था। उन्होंने बताया कि यदि किसान इन जालों का प्रयोग नहीं करते, तो नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था।
बागवानों ने इस नई तकनीक का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक नई उम्मीद है। बदलते मौसम में यह तकनीक उनकी फसलों और आय को सुरक्षित करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
मंडी जिला अब राज्य के बागवानी मानचित्र पर एक उदाहरण बनकर उभर रहा है, नई तकनीक और इसके साथ साथ सरकारी सहायता ने किसानों में उत्साह बढ़ा दिया है। उम्मीद है कि इससे किसान अपनी पैदावार में इज़ाफ़ा करेंगे, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।