इस योजना के अंतर्गत करीब 10 स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। रतनछत्री, वृंदावन में इनका प्रोडक्शन सेंटर बनाया गया है, जहां महिलाएं इन उत्पादों को तैयार करके स्थानीय बाज़ार में बेचती हैं। इससे न सिर्फ़ उनकी आय बढ़ी है, बल्कि उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने का आत्मविश्वास भी मिला है।
इन महिलाओं को वेस्ट फ्लावर से उत्पाद बनाने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे नए-नए उत्पाद बनाकर खुद का छोटा व्यवसाय चला सकें। पोशाक निर्माण, अगरबत्ती, गुलाल और इत्र जैसे उत्पादों की बाज़ार में अच्छी मांग है, जिससे इन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है।
आज ये महिलाएं अपने परिवार का पालन-पोषण सम्मान के साथ कर रही हैं। वे दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं कि अगर हौसला हो और सही दिशा मिले, तो कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है।