नर्सरी संचालकों के अनुसार, रोजाना तीन से चार हजार रुपये तक का कारोबार हो रहा है। रामपुर रोड, बरेली रोड और नैनीताल रोड जैसे क्षेत्रों में स्थापित नर्सरियों में अधिकतर पौधे पर्वतीय इलाकों से लाए जाते हैं। खासकर भीमताल क्षेत्र से पौधों की सबसे ज्यादा डिमांड है, जहां 250 से अधिक नर्सरियां हैं।
जानकारों के अनुसार, हल्द्वानी में सालाना लगभग 20 करोड़ रुपये का नर्सरी कारोबार हो रहा है। यहां से पौधे कई बड़े शहरों और राज्यों में भेजे जाते हैं—दिल्ली, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश।
नर्सरी स्वामी डी.एस. नेगी बताते हैं कि बढ़ती आबादी और पेड़ों की कटाई के बीच लोग अब अपने घरों को हरा-भरा बनाने में रुचि ले रहे हैं। किचन गार्डन से लेकर टैरेस गार्डन तक के लिए लोग तरह-तरह के पौधे खरीद रहे हैं। इससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है।