
रुहेलखंड उत्तर प्रदेश सरकार बागबानी के क्षेत्र में मजबूत कदम उठा रही है। ताजा उदाहरण है राज्य के प्रत्येक जिलों में बागवानी उन्नयन गोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन और उसके विकास के लिए विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा करना।
यह आयोजन उत्तर प्रदेश के हॉर्टीकल्चर एंड फूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट के 50 साल वर्ष पूरे होने के मौके पर बागवानी फसलों फसलों को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य के मंडलों में कई हॉर्टीकल्चर कॉन्फ्रेंस का अयोजन के रूप में किया जा रहा है। ताजा सूचना के अनुसार रूहेलखंड विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आज (14/12/25) को बागवानी उन्नयन गोष्ठी का आयोजन किया गया। उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बरेली-मुरादाबाद मंडल के 50 प्रगतिशील किसानों और विभाग के 12 अधिकारियों को सम्मानित किया गया। मंत्री सिंह ने कहा कि उद्यान विभाग ने पिछले 50 वर्षों में किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। उन्होंने बताया कि कम भूमि में अधिक उपज के लिए नवाचार जरूरी है।
शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, गुलाब और हल्दी की खेती से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। हापुड़ और मिर्जापुर के किसान एक एकड़ में 15 से 20 लाख तक की फसल ले रहे हैं। यह पारंपरिक धान की खेती से मिलने वाली 40 हजार की आमदनी से कहीं अधिक है। उन्होंने किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, पौध और आधुनिक तकनीक अपनाने का सुझाव दिया। यूपी का आम अब रूस और अमेरिका तक पहुंच रहा है। किसान गूगल से नई प्रजातियों की जानकारी लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना सकते हैं। रिटायर्ड निदेशक डॉक्टर आरके तोमर और कुलपति प्रो. केपी सिंह ने किसानों को परंपरागत खेती से हटकर औद्यानिक खेती अपनाने की सलाह दी। मंत्री ने बताया कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों पर 35% सब्सिडी दे रही है। इससे किसान फसल की सीधी बिक्री के बजाय मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ कमा सकते हैं।