
देशभर में बागबानी को तेजी से प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को फलों, मसालों आदि की खेती के लिए जहां जागरूक किया जा रहा है। वहीं अब महाराष्ट्र की सरकार भी किसानों और कृषि से जुड़े व्यवसायों के लिए तरह तरह की घोषणाएं कर रही है। महाराष्ट्र सरकार की फल और अनाज महोत्सव सब्सिडी योजना के तहत भी बागवानी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत मौसमी फलों जैसे आम, संतरा, मीठे संतरे, अंगूर आदि फलों के उत्पादकों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा जाता है।
फलों और अनाज की बिक्री के लिए ही इस प्रकार महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत फेस्टिवल में स्टॉल लगाने पर सरकार 1 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।
इस योजना की गाइडलाइन के तहत योजना के लाभुकों का पूरा विवरण प्रदान किया गया है। इस स्कीम के तहत राज्य में कृषि उपज मंडी कमेटी, कृषि सहकारी समितियां, कृषि उत्पाद डिस्ट्रीब्यूटर संघ, कृषक उत्पादक कंपनियां, एफपीओ आदि को लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट और अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत समितियां भी इस स्कीम से लाभान्वित होंगी। इस महोत्सव के लिए प्रति स्टाल 2000/- रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
महोत्सव में कम से कम 10 और अधिकतम 50 स्टालों पर सब्सिडी देय होगी। यानी अधिकतम 50 स्टॉल के लिए 1 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता सरकार प्रदान करेगी। इस योजना की कुछ पात्रता शर्तें हैं जो इस प्रकार है- महोत्सव की अवधि न्यूनतम 5 (पांच) दिन की होनी चाहिए। फल और अनाज उत्सव के आयोजन के लिए लाभार्थी को दिया जाने वाला अनुदान एक वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक बार देय होगा।