बिहार में केले की खेती पर 40 फीसदी अनुदान

    18-Jun-2025
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बिहार के कुछ जिलों में किसान धान-गेहूं छोड़कर सब्जी और बागवानी में रुचि दिखा रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा लाभ हो रहा है। इस दिशा में बिहार सरकार भी केला की खेती को बढ़ावा देने के लिए 40% तक अनुदान दे रही है, जिसका लाभ कई जिलों के किसान उठा रहे हैं। खास बात यह कि राज्य सरकार भी वैकल्पिक खेती जैसे केला, नारियल और फूलों की खेती के लिए अनुदान दे रही है।

अनुदान किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत संचालित केला विकास योजना के तहत सीतामढ़ी जिले में ही वित्तीय वर्ष 2025-26 में 150 हेक्टेयर में केला की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमे जी- 9, चिनिया और मालभोग प्रभेद शामिल हैं। योजना के लाभ को लेकर जिला उद्यान कार्यालय की ओर से ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है। आवेदन के आलोक में जिले के किसानों को अनुदानित दर पर केला का पौधा उपलब्ध कराया जायेगा। 40 फीसदी अनुदान देय है। विभाग के अनुसार अबतक 170 हेक्टेयर के लिए किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया हैं। उद्यानिक फसल के तहत जिले के अपरंपरागत क्षेत्र में अब दुनिया का सर्वाधिक उपयोगी नारियल प्रजाति 'कोकोस न्यूसीफेरा' को विकसित किया जाएगा। नारियल विकास योजना के तहत शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में नारियल की बागवानी के लिए इस वर्ष जिले में 18 सौ पौधा का लक्ष्य निर्धारित किया हैं।

इस योजना के तहत भी किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना है। बताया गया है कि आवेदन नारियल विकास बोर्ड के माध्यम से सहायक निदेशक उद्यान को उपलब्ध होगा, फिर चयनित किसानों को नारियल पौधा प्राप्त करने से पूर्व 85 रुपये का 25 फीसदी राशि प्रति पौधा के अनुसार जमा करना होगा। उक्त योजना के तहत प्रति किसान न्यूनतम पांच तो अधिकतम प्रति हेक्टेयर 178 पौधा देय है। इसकी जानकारी उद्यान के सहायक निदेशक नेयाज अहमद ने दी है। इसी तरह कई जिलों में फूलों की व्यावसायिक खेती के लिए भी सरकार बेहतर कदम उठा रही है ताकि लोगों कि इन व्यावसायिक उत्पादों से लाभ मिल सके।