हरियाणा में बंजर जमीन को बचाने के लिए बागवानी पर जोर

18 Jun 2025 14:30:14

हरियाणा एक सूखा प्रदेश है लेकिन नहरों का जाल वहां समृद्धि लेकर आया है। आज हरियाणा देश के संपन्न राज्यों की श्रेणी में आता है। इस खुशहाली को और अधिक व्यापक करने के सन्दर्भ में यहाँ बागवानी पर बहुत जोर दिया जा रहा है ताकि बंजर जमीनों को उपजाऊ और हरियाली युक्त किया जा सके। इसी पहल के तहत प्रदेश के गोल्ली गांव में बागवानी टीम की ओर से किसानों को खेत में बाग लगाने के लिए जागरूक किया गया।

बागवानी विशेषज्ञ डॉ. सुरेश कुमार ने किसान के खेत में बाग लगाने के लिए चूने से निशानी लगाकर समझाया कि यदि इस क्रम में पौधरोपण किया जाए तो जल्द बाग बनकर तैयार हो जाएगा। बंजर जमीन को बचाने का एकमात्र समाधान बागवानी है, इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा की 80 फीसदी कृषि भूमि में जैविक कार्बन की भारी कमी पाई गई है, जो कि मिट्टी की उर्वरता के लिए बेहद जरूरी तत्व है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह कमी भूमि को धीरे-धीरे बंजर बना रही है, जिससे खेती की उपज घट रही है और किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

जैविक कार्बन मिट्टी की सेहत को बनाए रखने वाला एक मुख्य घटक है। यह न केवल पौधों को पोषण देता है, बल्कि मिट्टी की जलधारण क्षमता और सूक्ष्मजीवों की सक्रियता को भी बढ़ाता है। इसकी कमी से मिट्टी कमजोर हो जाती है और फसल कमजोर होने लगती हैं। इस समस्या का समाधान बागवानी है। बागवानी (फलदार पौधों की खेती) भूमि की उर्वरता बनाए रखने के लिए एक प्राकृतिक और दीर्घकालिक समाधान है। फलदार पौधे जैसे आम, अमरूद, नींबू, बेर, पपीता न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारते हैं बल्कि लंबे समय तक किसानों को आय भी देते हैं। राज्य और केंद्र सरकार बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, पौधे, सिंचाई साधन और प्रशिक्षण जैसी कई सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। किसान इन योजनाओं का लाभ लेकर कम लागत में अपने खेतों में बाग लगा सकते हैं। किसानों के फायदे के लिए आज समय आ गया है कि हम पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ नई सोच को अपनाएं। बागवानी न केवल आपकी मिट्टी को बचाएगी, बल्कि भविष्य में आपकी आमदनी का एक स्थिर और लाभकारी स्रोत भी बनेगी।
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