करौंदा की खेती से मालामाल होते किसान

    19-Jun-2025
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उत्तर प्रदेश में खेती के वर्तमान तरीके वाकई बदल रहे हैं। आज नई-नई तकनीकों के प्रयोग के साथ सरकारी प्रोत्साहनों की बदौलत किसान भाई खेती के साथ बागवानी में हाथ आजमाकर अपनी किस्मत बदल रहे हैं और आमदनी दोगुनी कर सकते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बागवानी में बहुतेरे ऐसे पौधे हैं जिनके उत्पादन से प्रत्यक्षतः लाभ तो होता ही है वहीं कुछ पौधे खेतों की भी रक्षा करते हैं। किसानों को इन्हें लगाने से दोहरा फायदा हो रहा है। ये बातें आज दिनांक 19/06/25 प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुए बागवानी उत्पादक लोगों की बीच संपन्न हुए कार्यक्रम में सामने आई। यह कारण है कि किसान इस समय बागवानी पर अधिक जोर दे रहे हैं और बागवानी करने से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है। इससे कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।

आज कल जिले के बहुतेरे किसान करौंदा की बागवानी कर रहे हैं। करौंदा की बागवानी करने से किसानों को दो लाभ होते हैं। खेत के चारों ओर करौंदा के पेड़ लगाने से आवारा जानवरों से फसलों की रक्षा होती है, दूसरी ओर फल भी मिलता है। करौंदा के पौधे लगाते समय किसानों को उन्नत किस्म का चयन करना होता है जो सरकारी सहयोग से आसानी से उपलब्ध हो जाता है। करौंदा का बाग बेहद कम लागत में तैयार हो जाता है, लेकिन उसके लिए किसानों को जून के महीने में ही तैयारी करनी होती है और इसकी तैयारी के सिलसिले में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ था।

अब जुलाई में बारिश शुरू होते ही करौंदा के पौधे लगा दिए जाते हैं। इसी मेहनत का परिणाम है कि करौंदा की बागवानी से किसान लाखों रुपए कमा रहे हैं। करौंदा की पंत सुदर्शन किस्म बहुत अच्छी मानी जाती है। पंत मनोहर किस्म मध्यम ऊंचाई और झाड़ीनुमा होती है। इसके फल छोटे और अम्लीय होते हैं। इसके एक पेड़ में 30 से 35 किलो फल प्राप्त होता है। कोंकण बोल्ड भी करौंदा की दमदार किस्म है, जो कम समय में तैयार हो जाती है।