
आप जानते हैं कि जामुन मनुष्य के कितना उपयोगी फल है। एक तरह से यह औषधीय गुणों से भरपूर फल है जिसे बहुतायत स्तर दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। जब आप इसके गुडों में उतरोत्तर सुधार कर उत्पादन बढ़ा देते है और यह देश के बाहर भी पहुँच जाता है तो निश्चित ही यह एक बड़ी सफलता है। गुजरता बड़ोदरा के पास करजण तालुका के वेमर गांव के राकेशभाई पटेल ने जो किया है, वो हर किसान के लिए एक प्रेरणा है। एक समय के इंजीनियर रहे राकेशभाई ने अपनी जिंदगी को खेती के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने दिखा दिया कि अगर दिल से जमीन से जुड़ जाओ, तो सफलता खुद रास्ता बना लेती है। तकनीकी ज्ञान को खेती में मिलाकर उन्होंने वो कर दिखाया जो आजकल के युवा सोचते ही रह जाते हैं।
राकेशभाई अपने 45 एकड़ के खेत में आम, चीकू, मोसंबी, अमरूद जैसे फलों के साथ-साथ कई विदेशी और दुर्लभ फलों की खेती करते हैं। लेकिन इन दिनों चर्चा में है उनका उगाया गया सफेद जामुन, जिसकी शुरुआत चार साल पहले मलेशिया यात्रा से हुई। वहां उन्होंने सफेद जामुन की खास किस्म देखी और उसे अपने खेत की मिट्टी में आजमाने की ठान ली।
नतीजा ये हुआ कि आज वही सफेद जामुन दुबई, मुंबई और सूरत के बाजारों में बिक रहा है, और वो भी 400 रुपये किलो की कीमत पर! यह सफेद जामुन दिखने में तो आम जामुन से अलग है ही, उसका स्वाद भी अनोखा है। शुरुआत में इसका स्वाद मीठा होता है लेकिन कुछ ही देर में चटपटा हो जाता है। यही वजह है कि बाजार में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है। राकेशभाई बताते हैं कि इस साल उन्हें हर पेड़ से लगभग 20 किलो तक उपज मिलने की उम्मीद है।