जानकारी के अनुसार, कुछ व्यापारी लीची को ताजगी और आकर्षक दिखाने के लिए उस पर कृत्रिम रंग और केमिकल स्प्रे का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये केमिकल न केवल लीची की गुणवत्ता को खराब करते हैं, बल्कि इसके सेवन से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
लीची पेड़ से तोड़े जाने के बाद तेजी से अपनी नमी और रंगत खोने लगती है। ट्रांसपोर्ट के दौरान इसकी हालत और भी खराब हो सकती है। ऐसे में लीची को चमकदार बनाए रखने के लिए व्यापारी केमिकल युक्त स्प्रे का सहारा लेते हैं। यह स्प्रे लीची के गूदे तक पहुंच जाता है, जिससे यह खाने में नुकसानदेह हो जाती है।
इसके सेवन से एलर्जी, त्वचा पर चकत्ते, पेट दर्द, गैस, उल्टी, लिवर पर असर और बच्चों में पेट की गड़बड़ी हो सकती है। लंबे समय तक ऐसी लीची खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी हो सकता है।