शिमला और ठियोग जैसे इलाकों में सेब की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। कई बागानों में फल झड़ गए हैं, शाखाएं टूट गई हैं, पेड़ों की छाल तक उधड़ गई है। कुछ क्षेत्रों में तो पूरी की पूरी फसल ही बर्बाद हो गई है। हवा की तेज रफ्तार और ओलों की मार से सेब के पेड़ों पर लगाए गए एंटी-हेल नेट भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
सब्जियों की खेती पर भी इस आपदा का भारी असर है। टमाटर, शिमला मिर्च और फ्रेंच बीन्स जैसी फसलें पर इसका गहरा असर पड़ा है । खुले खेतों में पत्तियों और तनों को नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल जून में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है, और मानसून के भी सामान्य से अधिक सक्रिय रहने की संभावना है। तेज वर्षा और बर्फबारी के वजह से तापमान में 2 से 5 डिग्री तक की गिरावट आई है। इस आपदा से आये नुकसान का बागवानी विभाग ने आंकलन शुरू कर दिया है, जो किसान इससे प्रभावित हुए हैं उनको राहत देने के प्रयास किया जा रहा है।