कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. पी.के. गुप्ता (अवर निदेशक) ने किया। उन्होंने मशरूम की खेती के औषधीय और पोषण संबंधी लाभों पर प्रकाश डालते हुए इसे किसानों की आयवृद्धि का एक बेहतर साधन बताया। डॉ. शरद तिवारी (सहायक निदेशक) ने एनएचआरडीएफ की बागवानी योजनाओं और गतिविधियों की जानकारी दी।
पांच दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने मशरूम उत्पादकों के खेतों का मुआयना भी किया और यह भी जाना कि मशरूम की खेती आधुनिक तरीकों से कैसे की जाती है।
एस.सी. तिवारी ने बटन, ढींगरी, मिल्की, शीटाके और ऋषी मशरूम की उन्नत बागवानी विधियों की जानकारी दी। समापन पर श्री राजबीर सिंह ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।