
सीएक्यूएम (Commission for Air Quality Management) और कई गैर-सरकारी संगठनों ने मिलकर एनसीआर के प्रमुख शहरों – गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद – में धूल नियंत्रण की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
प्रदूषण को कम करने के लिए अब पराली जलाने पर रोक लगाई गई है। इसकी जगह अब पराली से बना ईंधन ईंट-भट्ठों में जलाया जाएगा। इससे न केवल वायु प्रदूषण कम होगा, बल्कि किसानों को पराली का सही उपयोग भी मिलेगा। सीएक्यूएम ने हरियाणा और पंजाब सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को इस विकल्प की जानकारी दें और पराली से बने ईंधन को ईंट-भट्ठों तक पहुंचाने की व्यवस्था करें।
ऐसी उम्मीद है कि इन सारे उपायों से दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार आने की सम्भावना है। प्रदूषण कम होने से लोग एक रहत की सांस लेंगे, जिसका असर उनके सेहत पर भी पडेगा। बच्चे और बुज़ुर्गों में प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी, फेफड़े और हार्ट की बीमारी बहुत तेज़ी से बढ़ रही है।