विदेशी सब्जियों से किसानों को नुकसान भी पहुंच रहा है। आइसबर्ग और लीफी जैसी सब्जियों के कम दाम मिलने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कई किसानों को आइसबर्ग के केवल 5 से 8 रुपये प्रति किलो के भाव मिले, जबकि जिनका निजी कंपनियों से अनुबंध था, उन्हें 30 रुपये प्रति किलो तक दाम मिले।
किसानों का कहना है कि घाटी में सब्जी मंडी न होने के कारण उन्हें अपनी सब्जियों को सस्ते दामों पर बेचना पड़ता है या यह उनकी मजबूरी है। किसान वीर सिंह और भाग चंद ने कहा कि इस बार फूलगोभी की शुरुआत अच्छी हुई है, लेकिन सब्जी मंडी न होने से किसानों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा।