
गुमला ने तो पिछले साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस बार ज़िले में कुल 250 टन आम पैदा हुए। सबसे अहम बात यह रही कि झारखंड से आम सऊदी अरब के जेद्दा और रियाद शहरों में भेजे गए हैं। हाल ही में सऊदी अरब में संपन्न हुए आम महोत्सव में झारखंड का आम्रपाली आम लोगों को खूब पसंद आया। उम्मीद है कि अगले सीजन में और अधिक आम वहां भेजे जाएंगे।
बिरसा योजना का मकसद खाली जमीन का उपयोग कर किसानों को स्थायी आजीविका देना है। अब तक 1.67 लाख परिवार इससे जुड़ चुके हैं। 1.45 लाख एकड़ में फलदार पौधे लगाए गए हैं, जिनमें से 40 हजार एकड़ में अब फल मिलने लगे हैं।
जमशेदपुर के रहने वाले अब्दुल हमीद खान ने केंद्र व राज्य सरकार की मदद से आमों का निर्यात किया। जैविक तरीके से आम की खेती होने से उत्पादन तेज़ी से बढ़ा है, जिससे किसानों की आमदनी के साथ-साथ राज्य में हरियाली में भी इज़ाफा हुआ है।