
किसानों को इनमें से कोई एक भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र देना होगा – भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र, दो साल पहले की अपडेटेड राजस्व रसीद, ऑनलाइन अपडेटेड रसीद, वंशावली या एकरारनामा (निर्धारित प्रपत्र में)। अगर जमीन के कागजों में आवेदक का नाम स्पष्ट नहीं है, तो वंशावली जोड़ना अनिवार्य होगा। गैर-रैयत किसान भी एकरारनामा के आधार पर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
सरकार ने आसानी के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई है। किसान आसानी से horticulture.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाकर "सब्जी विकास योजना" कॉलम में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन केवल रजिस्टर्ड किसान ही कर सकते हैं।
यह लाभ केवल राज्य के किसानों को मिलेगा। जो योजना के लिए तय किया गया जिला है, आवेदनकर्ता को उसी जिले का होना जरूरी है और जिसे सब्जी की खेती करने में रुचि हो, वही फॉर्म सबमिट करें।
अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के सहायक निदेशक, उद्यान से संपर्क कर सकते हैं। सरकार की इस पहल से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।