साल 2023 में उन्होंने ‘एप्पल मिशन’ और ‘कीवी मिशन’ के नाम से बागवानी की शुरुआत की। इस परियोजना में उन्होंने लगभग छह लाख रुपये का निवेश किया, जिसमें से 4.89 लाख रुपये की सरकारी सब्सिडी भी मिली। उन्होंने अपने खेतों में 250 सेब और 75 कीवी के पौधे लगाए। इनमें से कई पौधे अब फल देना शुरू कर चुके हैं।
महेन्द्र रावत का कहना है कि वे इन फलों से अच्छी आमदनी की उम्मीद कर रहे हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ खुद आगे बढ़ना नहीं है, बल्कि गांव के अन्य युवाओं को भी आत्मनिर्भर बनाना है। वे लगातार युवाओं को निजी व्यवसाय शुरू करने और खुद पर विश्वास रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आज पंकज और महेन्द्र की सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे गांव के लिए प्रेरणा बन गई है।