मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उद्यान विभाग को निर्देश दिए कि भवड़ां की ज़मीन पर फलदार पौधे लगाने की संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके बाद गांव को वर्ष 2023 में एचपी शिवा परियोजना में शामिल किया गया। जब बागवानी का काम गांव में शुरू हुआ तो गांव के सात किसानों ने मौसंबी के पौधे लगाने का फैसला लिया। मनरेगा कनवर्जेंस के ज़रिए भी यह काम किया गया। इन किसानों की मेहनत ने रंग लाई। आज दो वर्षों के अंदर ही ये छोटे पौधे फल देने लगे हैं।
गांव की महिला किसान सुदर्शना देवी ने बताया कि उनकी 10 कनाल बंजर ज़मीन अब हरियाली से भर गई है। सपना देवी ने भी बताया कि उनकी ज़मीन पर मौसंबी के साथ-साथ पपीते की खेती भी हो रही है।