वह मौसम के अनुसार सब्जियों की खेती करते हैं। जाड़े में पत्ता गोभी, फूलगोभी, मूली तो गर्मियों व बरसात में लौकी, कद्दू, तुरई और मिर्च की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं, क्योंकि बाजार में इन सब्जियों की मांग अधिक रहती है।
करीब दो बीघा जमीन पर खेती करने वाले आनंद कुमार पांच बिस्वा क्षेत्र में मचान विधि से लौकी की खेती करते हैं, जिसमें 30 से 40 दिनों के अंदर पौधे तैयार हो जाते हैं और फिर बेलों को मचान पर फैला दिया जाता है। इससे लौकी हवा में लटकती रहती है। ऐसी अवस्था में फसल को रोग और कीटों से नुकसान होने की संभावना कम होती है और फल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।
उनका कहना है कि एक बीघे में करीब 30 से 40 हजार रुपये की लागत आती है, जबकि एक सीजन में डेढ़ से दो लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है। आज वह अपने क्षेत्र के किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं और दूसरे को भी बागवानी अपनाने की सलाह दे रहे हैं।