बिहार में पहली बार एरोपोनिक विधि से तैयार होंगे आलू के बीज

Nursery Today    18-Aug-2025
Total Views |
bihar
 
पटना: बिहार राज्य में पहली बार एरोपोनिक विधि से आलू के बीज तैयार किए जा रहे हैं। यह पहल राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय स्थित उद्यान महाविद्यालय में शुरू किया गया है, जो बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन संचालित है। इस कदम को आलू बीज उत्पादन के लिए ऐतिहासिक बताया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने इस परियोजना का शुभारंभ किया और आगे कहा कि तीन महीने के अंदर इसके सकारात्मक परिणाम दिखने शुरू हो जाएंगे।
 

एरोपोनिक तकनीक में पौधे को मिट्टी की ज़रूरत नहीं होती है बल्कि पौधा हवा में लटका होता है और उसकी जड़ें नियंत्रित वातावरण में ठंडी हवा, नमी और पोषक तत्वों से पोषित होती हैं। इससे वायरस रहित, उच्च गुणवत्ता वाले बीज तैयार होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस तकनीक से आलू के उत्पादन में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। एक पौधे से 400 से 500 मिनी-ट्यूबर तैयार होते हैं जिन्हें खेतों में लगाकर बड़े आकार के आलू का उत्पादन होगा।

डॉ. रणधीर कुमार, जो इस प्रोजेक्ट के प्रमुख वैज्ञानिक हैं, ने बताया कि इस यूनिट को स्थापित करने में 4 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत आई है। इससे पहले बिहार में जी-0 बीज दूसरी जगह से मंगवाना पड़ता था, लेकिन अब राज्य में जी-0 से लेकर जी-4 तक उत्पादन किया जाएगा। यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन वर्षों में एरोपोनिक विधि से तैयार आलू किसानों के खेतों में पहुंच जाएगा।

 

इस प्रोजेक्ट का विस्तार बिहार के 16 कृषि विज्ञान केंद्रों तक किया जाएगा। कुलपति ने आगे कहा कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और बिहार का आलू केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ेगा।