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लखनऊ: अगर आप खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो सेवंती फूल की उन्नत किस्मों की खेती आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है। यह फूल न सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी बाजार में भी अच्छी मांग रहती है। यही वजह है कि इसकी खेती से किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर सेवंती की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाए और पौधों की ठीक से देखभाल की जाए, तो प्रति हेक्टेयर 100 से 150 क्विंटल तक फूलों का उत्पादन किया जा सकता है।
सेवंती की बुवाई के लिए 1 जनवरी को सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। रोपाई के लिए प्रति हेक्टेयर 43,500 पौधे लगाने की सलाह दी जाती है। इन्हें 30×30 सेंटीमीटर की दूरी पर चौकोर पंक्ति में लगाना चाहिए। पौधों को रोगों से बचाने के लिए जड़युक्त कटिंग को 0.25% कार्बेन्डाजिम फफूंदनाशी में आधे घंटे तक उपचारित करना जरूरी होता है। उर्वरक प्रबंधन में 20 टन गोबर की खाद के साथ 125 किलोग्राम नत्रजन, 100 किलोग्राम फास्फोरस और 80 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर जरूरी होता है।
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20 और 35 दिन बाद दो बार हेंड वीडिंग करनी चाहिए, जिससे खरपतवारों से नुकसान न हो। कीटों जैसे एफिड, थ्रिप्स, माइट्स से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड या थीयोमेथोक्साम का छिड़काव किया जा सकता है। फफूंद से बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम का छिड़काव हर 15-20 दिन में करें, और झुलसन की स्थिति में मेंकोजेब प्रभावी होता है।
सेवंती फूल की मांग खासकर मंदिरों, पूजा-पाठ और त्योहारों में बहुत रहती है। इसकी सजावटी उपयोगिता भी इसे बाजार में लोकप्रिय बनाती है। इसलिए यह फूल किसानों के लिए न सिर्फ कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाला है, बल्कि फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में नए अवसर भी खोलता है।