मुंबई: देश में बागवानी के क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ को नए रूप में लागू करने का फैसला किया है। अब यह योजना पहले से कहीं ज्यादा असरदार, व्यापक और लाभकारी होगी। यह योजना पिछले चार वर्षों से राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) के ज़रिए चलाई जा रही है, लेकिन अब इसे दो नए हिस्सों में बांटकर लागू किया जाएगा – ‘उच्च मूल्य फसल क्लस्टर’ और ‘सब्जी क्लस्टर’। इन क्लस्टरों में वही फसलें शामिल की जाएंगी जो बाजार में अधिक दाम पर बिकती हैं और जिनका सालाना उत्पादन 100 करोड़ रुपये से अधिक होता है।
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इस योजना के तहत प्रोजेक्ट्स के लिए खास भौगोलिक क्षेत्र तय किए गए हैं – पहाड़ी इलाकों में 50 किलोमीटर और मैदानी इलाकों में 80 किलोमीटर का दायरा। इसमें भाग लेने वाले किसानों, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन), एफपीसी (किसान उत्पादक कंपनियां) और सहकारी समितियों को 25% तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।
सब्जी क्लस्टर में शामिल प्रमुख सब्जियां: टमाटर, आलू, प्याज, गोभी, फूलगोभी, भिंडी, बैंगन, शिमला मिर्च, अदरक, लहसुन, नींबू और खीरा। इन सब्जियों की अधिक डिमांड शहरों में होती है, इसलिए इन क्लस्टरों की सुविधाएं शहरों से 50 से 100 किलोमीटर की दूरी पर विकसित की जाएंगी ताकि ताज़ी सब्जियां जल्दी पहुंचाई जा सकें।
इस योजना में शामिल होने के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एफपीओ, एफपीसी, सहकारी समितियां, निजी कंपनियां और साझेदारी संगठन इस योजना में हिस्सा ले सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 2 मई 2025 है। आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://www.nhb.gov.in पर जाना होगा। अधिक जानकारी के लिए ईमेल करें: clusters.nhb@gov.in