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नई दिल्ली। डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के फल विज्ञान विभाग द्वारा फलो की बगवानी करने और मौसम आधारित फसल प्रबंधन विषय पर किसान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य बगवानी करने वाले किसानों को मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जागरूक करना फलों की बागवानी को बढ़ावा देना था। किसानों को वेज्ञानिक सलाह के अनुसार बागवानी की तरीकों को बताना। कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि बागवानी करने के लिए जनवरी सबसे उपयुक्त समय हैं ।इसके साथ-साथ ढलान वाले इलाके में कंटुर विधि के द्वारा फलों को लगाने पर बल दी गई। बागवानी लगाने के लिए पानी के ध्यान रखना, भूमि की कटाव, सघन बागवानी के लिए उपजाउ भूमि का चयन आदी विषय पर चर्चा की गई।
पौधे लगाते समय रखे इन बातों का ध्यान
पौधों को लगाते समय जड़ों को उनकी सही दिशा में फैला देना चाहिए। पौधों को पौधशाला की भांति ही स्वाभाविक गहराई तक दबा कर रोपित करें। मौसम की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए फल पौधों को लगाने के पश्चात् इनकी सिंचाई अवश्य करें और इसमें मल्च का उपयोग करें, जिससे की नमी को ज्यादा समय तक संजोकर रखा जा सके। कॉलर रॉट बीमारी से बचाव के लिए पौधे में कलम के जोड़ को भूमि के धरातल से लगभग 20-25 सै.मी. ऊँचा रखें।
प्राकृतिक खेती पर बल
इस कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती के तहत बागीचों में नमी नमी बनाए रखने व खरपतवार को रोकने के लिए हमेशा पौधे के आस-पास सफाई करनी चाहिए। पौधे के आस-पास पानी व हवा का अनुपात पर्याप्त मात्रा में मिलनी चाहिए। पौधों के आस-पास से 3-5 फीट की दूरी पर चार इंच गहरी नाली बनानी चाहिए। बीमारियों से बचाने के लिए हमेशा चूने की लेप करना चाहिए। मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के लिए जीवामृत का पौधों पर छिड़काव व वापसा की सिंचाई समय से करनी चाहिए।
किसानों के लिए कृषि मौसम बुलेटिन
डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय ने तीन जिलों सोलन, शिमला और सिरमौर के लगभग 2 लाख किसानों को एम॰किसान पोर्टल के माध्यम से मैसेज प्राप्त हो रहे हैं। कृषि मौसम सलाह, खेती की लागत को कम करने और किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कृषि मौसम की बुलेटिन को एस. एम,एस और विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित की जा रही हैं।