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रोहड़ू – प्रदेश के बागवानों को इस समय सेब की फसलों की देखभाल करना महंगा पड़ रहा है। उद्यान विभाग के केंद्रों में अनुदान पर मिलने वाली कीटनाशक और फफूंदनाशक दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं, जिससे बागवानों को भारी परेशानी हो रही है और वे दवाइयों के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। बागवानी विभाग के जिन बागवानों के पास उद्यान कार्ड हैं, उन्हें विभाग की ओर से दवाइयों पर 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिलता है। खासकर छोटे बागवानों के लिए यह योजना बहुत फायदेमंद रही है। लेकिन पिछले साल से विभाग के केंद्रों में दवाइयों की आपूर्ति बंद पड़ी है। ऐसे में बागवानों को बाजार से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं, जिनकी गुणवत्ता को लेकर भी भरोसा नहीं हो पा रहा है।
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बागवान वीरेंद्र ठाकुर का कहना है कि रोजाना छिड़काव के लिए भी उन्हें बाजार के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं, बागवान हरिंद्र चौहान ने बताया कि सरकार ने पहले साल दवाइयां उपलब्ध करवाई थीं, लेकिन अब आर्थिक तंगी का हवाला देकर योजना ठप कर दी गई है। बागवानों का कहना है कि अगर जल्द ही विभाग की ओर से दवाइयां उपलब्ध नहीं करवाई गईं, तो इस बार सेब की फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
उद्यान विभाग की ओर से बताया गया है कि फिलहाल पुराने बचे स्टॉक को ही वितरित किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में खरीद प्रक्रिया पूरी होते ही नए ऑर्डर दिए जाएंगे और दवाइयां जल्द ही केंद्रों पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। बागवानों को अब सरकार से राहत की उम्मीद है, ताकि उनकी मेहनत से उगाई गई फसल को नुकसान न हो और उन्हें सही दाम मिल सके।