Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अनुमान लगाया है कि देश में 2022- 23 के दौरान कुल बागवानी उत्पादन 351.92 टन हो सकता है। जो वर्ष के दैरान कुल खाद्यान्न उत्पादन 329.69 मिलियन टन से अधिक है। बता दें कि भारत दुनिया में वर्तमान समय में सब्जियों और फलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। केला, पपीता, नीबू सहित कई फसलों के पैदावार में भारत का स्थान प्रथम है। देश के किसानों की मेहनत, वैज्ञानिकों की खोज और सरकार की सफल नीतियों की वजह से देश में बागवानी फसलों का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रहा हैं। बागवानी के पूरे विकास, क्षेत्रफल बढ़ाने, उत्पादक और फसल का कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 2014-15 से राज्यों में केंद्रीय योजनाओं को लागु कर रही हैं। जिसके तहत क्वालिटी से भरी रोपन सामग्री के उत्पादन, फलों सब्जियों, मसालों के पौधे लगाने के लिए विस्तार किया जा रहा है।
सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन करेगी लागू
केंद्र सरकार चावल, गेहूं सहित पोषक अनाज और दालों के उतपादन को बढ़ाने के लिए देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन लागू कर रही है। एनएफएसएम के तहत प्रथाओं के बेहतर पैकेज पर क्लस्टर प्रदर्शन, फसल प्रणाली पर प्रदर्शन, बीज उत्पादन और उच्य उपज वाली किस्मों के वितरण का काम किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन भारत सरकार की सानदार पहल है, जो कृषि के क्षेत्र में बेहतर साबित हो रहा है। जिसके माध्यम से किसानों को सहायता दी जा रही है।
कृषि मंत्री ने अर्जुन मुंडा क्या कहा
केंद्र सरकार की इस मिशन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राज्य कृषि को भा सहायता दी है। इसमें विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रो द्वारा विषय के विशेषज्ञों की देखरेख में किसानों को तकनीक की ट्रेनिक देने की प्रवधान किया गया है। भारत सरकार के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्यान मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।