Farmer Umesh Dattatreya Khamkar of Satara district of Maharashtra has cultivated white strawberry

महाराष्ट्र के सतारा के क‍िसान ने उगाई सफेद स्ट्रॉबेरी

नई दिल्ली। आमतौर पर हमलोग  जानते हैं क‍ि स्ट्रॉबेरी लाल रंग की होती है। बाजार में स्ट्रॉबेरी का यही रंग देखा जाता  है। लेक‍िन महाराष्ट्र के सतारा जिले के वाई तालुका स्थित फुलेनगर के एक युवा  किसान उमेश दत्तात्रेय खामकर ने आधे एकड़ में सफेद स्ट्रॉबेरी की खेती की है। उमेश दत्तात्रेय खामकर की खेती  आस-पास के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।

बता दें कि महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती होती है। लेक‍िन उमेश दत्तात्रेय खामकर की खेती की बात कुछ अलग है। उन्होंने ये स्ट्रॉबेरी उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुछ प्रयोग करके  तैयार किया है। नवंबर 2023 में, खामकर ने करीब आधे एकड़ में स्ट्रॉबेरी के 10,000 पौधे लगाए थे और आज वे उनके फलों से बंपर कमाई कर रहे हैं। उनके मुताबिक ये  पेडं आमतौर पर तीन महीने में फल देने लगते हैं।

क‍ितना म‍िल रहा है दाम

स्ट्रॉबेरी के पौधों नवंबर में लगाया गया था और जनवरी माह में इनसे आमदनी शुरू हो गई। इन फलों को सतारा समेत अन्य जगहों पर बिक्री के लिए भेजा जा रहा है। जल्द ही यह  ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी  सेल की जाएगी। खास बात यह है कि सफेद स्ट्रॉबेरी 250 रुपये प्रति किलो में ब‍िक रही है, जब बताया जा रहा है कि बाजार में पहले से मौजूद लाल स्ट्रॉबेरी की कीमत तीन सौ रुपये के आस-पास है।

देश में  किया पहला प्रयोग 

स्ट्रॉबेरी की फ्लोरिडा पर्ल किस्म की खेती सबसे पहले अमेरिका और ब्रिटेन में की गई थी। इसके बाद अलग-अलग हिस्सों में इसकी खेती और कमाई शुरू हो गई। अब महाराष्ट्र के रहने वाले किसान उमेश दत्तात्रेय खामकर ने सफेद स्ट्रॉबेरी की खेती कर मिसाल कायम कर दिया है।