Prakriti se prem bhi hai is the way to get God: Anup Jalota

प्रकृति से प्रेम भी है ईश्वर प्राप्ति का मार्ग : अनूप जलोटा

श्री राम शॉ

नई दिल्ली। “आज जिस गति से मेरा देश प्रगति कर रहा है, पूरी दुनिया में अपने देश का जो सम्मान हो रहा है, बड़े बड़े देश आज भारत का लोहा मान रहे हैं, हमें इसे और आगे लेकर जाना है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता के अनुरूप हम सबको मिलकर भारत को सर्वांगीण विकास के शीर्ष पर पहुंचाना है। यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। आज हमारा देश उस स्थिति में है जहाँ से इसे विश्व गुरु बनने में देर नहीं है और इस दिशा में मोदी जी और योगी जी निःसंदेह प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। ये वास्तव में युग पुरुष हैं क्योंकि ये अपने लिए तो कुछ कर नहीं रहे हैं। इन्होंने तो समाज और देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया है।” उक्त विचार भजन सम्राट अनूप जलोटा ने व्यक्त किये।

प्रस्तुत है श्री राम शॉ के साथ उनके विशेष साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश :

दो अक्टूबर को यूपी के मुख्यमत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से आपकी मुलाकात के लिए आप को ढेरों बधाई क्योंकि इस पावन दिन भारत की दो महान विभूतियों – महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म हुआ था। इस मुलाकात के सन्दर्भ और इसके प्रतिफल के बारे में संक्षेप में हमें कुछ बताएं।

अनूप जलोटा : मैं आज बड़े गर्व से यह बताना चाहता हूँ कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश को सुरक्षित प्रदेश बना दिया है। ऐसे योगी जी को मैं प्रणाम करने आया था। जिस प्रदेश में लड़कियां शाम को घर से बाहर निकलने में डरती थीं, व्यापारी लोग अपना बिजनेस करने से डरते थे, आज एक ऐसे व्यक्ति ने, जो धर्म गुरु भी है और उन्होंने स्वयं को राजनीतिक गुरु भी सिद्ध कर दिया है, लोगों का जीवन आसान कर दिया है। आज लोग बिना किसी डर के स्वछंदता से घूम रहे हैं और बिना किसी भय के अपना व्यापार भी कर रहे हैं। मैं जब उनके पास गया तो सबसे पहले मैंने उनको इस बात के लिए बधाई दी कि उन्होंने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना दिया। उन्होंने मुझे कुछ आदेश भी दिए हैं कि हमारी जितनी भी नदियां हैं, उनके जितने भी घाट हैं, वहां पर कार्यक्रम कीजिये। सरकार आप के साथ है। इसकी शुरुआत हमने कर दी है। हम गोरखपुर में एक कार्यक्रम कर चुके हैं। योगी जी की यह इच्छा है कि गांवों, जिलों, शहरों की जो प्रतिभाएं हैं, जो अभी तक छुपी हुई हैं, जिन्हें कोई सहारा नहीं मिला, उनको ऊपर लाना है। हमारी एक संस्था है जिनका नाम ओमकारम है। योगी जी को ये नाम भी बहुत पसंद आया है। उन्होंने इस नाम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस ओमकारम के माध्यम से आप सभी घाटों पर कार्यक्रम कीजिये।

Read More:  ग्रेटर नोएडा में टॉय और फर्नीचर पार्क के साथ ही ओडीओपी व एमएसएमई संबंधी उद्योगों की ओर कदम

हमने गोरखपुर के छह कलाकारों को चुना है। उन्हें हम प्रस्तुत कर रहे हैं। लखनऊ, वाराणसी और आगरा से भी हमने कलाकारों को चुना है। इन सब कलाकारों को हम अपने साथ मंच पर स्थान देंगे। साथ ही साथ कुछ ऐसे पुराने मंदिर जिनका आज जीर्णोद्धार होना चाहिए, जिनको फिर से एक सुन्दर स्वरुप देना चाहिए – ये भी आदेश हमें योगी जी ने दिए हैं। मैं उन्हें दिल की गहराइयों से धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने हमें इस योग्य समझा और हमारी ओमकारम संस्था को ये काम दिया है। मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।

आप हाल ही में दिल्ली आये थे। भारत मंडपम में आप अग्रिम पंक्ति में विराजमान थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से मैं आप से नहीं मिल सका। इसे मैं अपनी बदकिस्मती ही कहूंगा। दिल्ली में यहाँ सब लोग एक बार फिर आपके आगमन की बेसब्री से प्रतीक्षा में हैं…

अनूप जलोटा : मुझे जल्द ही दिल्ली आना है और सबसे मिलना है। दरअसल माननीय मोदी जी और श्री पीयूष गोयल जी की मुझ पर बड़ी कृपा है। श्री पीयूष गोयल जी मुंबई के ही रहने वाले हैं। उनसे हमारी बहुत पुरानी पारिवारिक मित्रता है। हम और गोयल जी मिलकर, जो कलाकारों को रॉयल्टी मिलनी चाहिए , उस दिशा में हमलोग काम करते हैं और सीनियर्स को रॉयल्टी दिलाते हैं। इसके लिए पीयूष जी ने हमारी बहुत मदद की है।

तीन अक्टूबर को विविध भारती की जयंती होती है। विविध भारती को सुन-सुन के हम आप सभी लोग बड़े हुए हैं। इस बारे में अपनी कुछ यादें साझा कीजिये।

अनूप जलोटा : मेरा तो जीवन आल इंडिया रेडियो से ही शुरू हुआ था। मैं आल इंडिया रेडियो में कोरस गाता था और मेरी तनख्वाह थी 320 रुपये महीना। वहां से मैंने अपना जीवन शुरू किया था। आल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि अभी भी हम आकाशवाणी में जाकर रिकॉर्ड करते हैं, गाते हैं, सबसे मिलते हैं और मुझे नई ऊर्जा मिलती है। यकीन मानिये शोर भरी इस दुनिया में विविध भारती सुकून है। खामोश रातों में विविध भारती नोस्टाल्जिया का टिमटिमाना है। दुनिया के किसी भी कोने में विविध भारती अपने प्यारे देश की सोंधी महक है। विविध भारती बचपन की याद, जवानी की चमक और बुढ़ापे की साथी है। विविध भारती माँ, बहन, प्रेमिका, साथी है। विविध भारती गुनगुनाती है, मुस्कुराती है। इसके संग-संग हम हँसते-रोते हैं। विविध भारती का होना जीवन में सुरों का होना है।

Read More:  योगी सरकार का फार्मा पार्क विश्व में जमाएगा यूपी की धाक

योगी जी की नीतियों और प्रयासों का ही यह प्रतिफल है कि इस बार बाढ़ में जान-माल, पेड़-पौधे और नर्सरियों को अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ। इस पर आपके क्या विचार हैं?

अनूप जलोटा : मनुष्य कितना भी कुछ कर ले, प्रकृति उससे कहीं अधिक बलशाली है। कभी-कभी ऐसी आपदा आ जाती है कि मनुष्य का सारा ज्ञान, सारी व्यवस्था फेल हो जाती है। सबसे ज़्यादा शक्तिशाली प्रकृति ही है जो ईश्वर है। इस तरह की जब आपदा आती है, जैसे अभी कोरोना आया तो कौन क्या कर पाया? इस महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया। सारा संसार ठप्प पड़ गया। इस तरह की कठिनाइयों से बिलकुल भी घबराना नहीं चाहिए क्योंकि हम फिर उसमें विवश हो जाते हैं।

सरकारी नीतियां कभी कारगर भी होती हैं, तो कभी विफल भी हो जाती हैं। लेकिन योगी जी की नीतियों की वजह से इस बार बाढ़ में अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ।

अनूप जलोटा : जो चीज़ अपने हाथ में नहीं होती है, तो कभी-कभी उस स्थिति में मनुष्य को नुकसान झेलना पड़ता है। सरकार की जो नीतियां हैं और जो कार्य हो रहे हैं ,वह इतने अच्छे हो रहे हैं कि आज घर-घर में लोगों को पता है कि उन्हें किस तरह से सरकार की और से सहायता मिल रही है, सुरक्षा मिल रही है। असामाजिक तत्व अब दिखते नहीं हैं, दुबके बैठे हैं। इन सब चीज़ों के लिए हम योगी जी को बहुत ही सफल मुख्यमंत्री मानते हैं। प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से पहले सीएम योगी की समीक्षा बैठक काअसर दिखा। योगी जी की मॉनीटरिंग से इस वर्ष बाढ़ प्रभावित जिलों में काफी काम जनहानि हुई।

सनातन को लेकर आजकल चर्चाओं का बाजार बेहद गर्म है। इस पर आपके विचार…

अनूप जलोटा : इसे मैं एक उदहारण से समझाना चाहता हूँ। ऐसा है…एक शेर था और वह सो रहा था, तो उसकी चर्चा नहीं हुई। लेकिन, जैसे ही वह जागा तो उसकी चर्चा हो गई। सनातन रुपी शेर अब जाग गया है तो अब इसकी चर्चा बहुत होगी। लोग अब बस इसकी दहाड़ देखते रहें और सारे संसार में इसकी गूँज सुनाई देगी। धर्म एक ही है, वह है “सनातन धर्म”। बाकी सब संप्रदाय और उपासना पद्धति हैं। सनातन धर्म मानवता का धर्म है। यदि सनातन धर्म पर आघात होगा तो विश्व की मानवता पर संकट आ जाएगा।

लता जी के साथ आपकी वो दो पंक्तियां – “सोलह बरस की बाली उमर को सलाम” जो अमर हो गईं। आप से अनुरोध है कि आप अपने अनुभव साझा करें। इस गीत की दो पंक्तियों की रचना के प्रसंग और उनके कालजयी बनने के नेपथ्य पर थोड़ी रौशनी डालिये।

अनूप जलोटा : मुझे लता जी से मिलना था, उनसे कुछ काम था। उन्होंने मुझे फ़ोन कर कहा कि महबूब स्टूडियो में आ जाइये, वहां पर मैं एक गाने की रिकॉर्डिंग कर रही हूँ, आप वहीं आ जाइये, वहीं मिल लेंगे। मैं वहां पहुँच गया। उनकी रेकॉर्डिंग शुरू हो चुकी थी। लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल इसके संगीतकार थे। मैं उनसे मिला और जो बात मुझे उनसे करनी थी, वो मैंने कर ली। जब मैं वापस जाने लगा तो लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल जी ने मुझे रोक लिया। उन्होंने कहा कि आप आये तो हैं तो थोड़ी देर बैठिये, चाय-वाय पीजिये, ये गाना अभी आधे-एक घंटे में हो जायेगा…तो मैं बैठ गया। लताजी अपना गाना रिकॉर्ड करके चली गयीं। उनसे मैं फिर मिला, नमस्कार हुआ और वो चली गयीं। इसके बाद लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल जी के साथ बैठकर हम चाय पी रहे थे। प्यार भरे शिकायती लहजे में उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे आप से गाने गवाने होते हैं, आप मिलते नहीं हैं। मैंने कहा कि मैं तो अपने कार्यक्रमों में बहुत व्यस्त रहता हूँ, नहीं तो आप से अवश्य मिलूं आकर। फिर उन्होंने कहा कि आप जब आये हैं तो इसमें हम दो पंक्तियाँ जोड़ देते हैं, आप इन्हे गा दीजिये। हमने कहा कि ठीक है और हमने दो पंक्तियाँ वहीँ तत्काल रिकॉर्ड कर दी और वो गाना सुपरहिट हो गया।

Read More:  किसानों की हर जरूरत को पूरा करने को तत्पर योगी सरकार

“कोशिश करके देख ले, दरिया सारे, नदिया सारी…दिल की लगी नहीं बुझती, बुझती है हर चिंगारी” – तो क्या इसके लिए आप को रिहर्सल करने की कोई जरूरत नहीं पड़ी?

अनूप जलोटा : कुछ ज़्यादा नहीं…बस वहीँ 5 -10 मिनट के लिए रिहर्सल किया और गा दिया। इसके बाद लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी ने कई बार बुलाया और मैं गया भी…कुछेक गाने रिकॉर्ड करने। फिर सविनय उनसे कहा कि चूंकि मैं कार्यक्रमों में व्यस्त रहता हूँ तो मैं और नहीं कर सकता। ये जीवन रहा मेरा…ये इसकी कहानी है।

मनोज कुमार जी की अनुपम कृति “शिरडी के साईं बाबा” का एक ख़ास गीत “साईं बाबा बोलो” आपने मो. रफ़ी साहब के साथ रिकॉर्ड किया। इस गाने में “बोलो” शब्द को आप ने जिस तरह से अदा किया, वह वाकई सीधे दिल में उतरता है। इस बारे में अपने संस्मरण साझा कीजिये।

अनूप जलोटा : मैं बचपन से साईं बाबा का अनन्य भक्त रहा हूँ। जो कोई उनका कृत्य गाएगा और दूसरा कोई गायेगा तो उसमें फर्क आ जायेगा। उनके आशीर्वाद से जो मैंने गाया वो लोगों को बहुत पसंद आया। वह गीत आज भी लोग गुनगुना रहे हैं, गा रहे हैं। रफ़ी साहब बहुत खुश थे मुझसे मिलकर…मेरी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था क्योंकि रफ़ी साहब के साथ वह मेरी पहली मुलाकात थी। उन्होंने मेरी बहुत सराहना की थी, बहुत आशीर्वाद दिया था।

आप अपने सुनने वालों, चाहने वालों, अपने अनन्य प्रशंसकों को आशीर्वाद स्वरुप क्या कहना चाहेंगे ?

अनूप जलोटा : मैं सिर्फ यही कहना चाहता हूँ कि आज जिस गति से मेरा देश प्रगति कर रहा है, पूरी दुनिया में अपने देश का जो सम्मान हो रहा है, बड़े बड़े देश आज भारत का लोहा मान रहे हैं, हमें इसे और आगे लेकर जाना है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता के अनुरूप हम सबको मिलकर भारत को सर्वांगीण विकास के शीर्ष पर ले जाना है। यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसी बीच, भारत के सम्बन्ध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आपत्तिजनक टिपण्णी आई और भारत ने जिस तरह से इसका प्रतिकार किया, वह हमारी कुशल कूटनीति का ही परिचायक है। लोकतांत्रिक मूल्यों से बड़ी से बड़ी ताकत को झुकाया जा सकता है। आज हमारा देश उस स्थिति में है जहाँ से इसे विश्व गुरु बनने में देर नहीं है और इस दिशा में मोदी जी और योगी जी निःसंदेह प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। इन्हें मैं राम और लक्ष्मण की जोड़ी कहता हूँ। ये वास्तव में युग पुरुष हैं क्योंकि ये अपने लिए तो कुछ कर नहीं रहे हैं। इन्होंने तो समाज और देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया है।

जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और प्रदूषण – आज एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। इस बाबत आप क्या कहना चाहेंगे?

अनूप जलोटा : प्रकृति से प्रेम ही भावी पीढ़ी का आधार है। प्रकृति से प्रेम भी ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है। मैं आज लोगों से अपील करना चाहूंगा कि ये जो पेड़े बाँट रहे हैं तो पेड़े की जगह पेड़ बाँटना शुरू कर दीजिये, तो संसार में हरियाली और बढ़ेगी। एक पेड़े के साथ एक पेड़ भी दीजिये। इसकी एक बानगी इसी से देखिये कि जब मैं माननीय मुख्यमंत्री योगी जी से मिला तो उन्होंने मुझे एक पौधा भेंट किया।

Read More: Prez to inaugurate international conference on ‘Just and Resilient Agri-Food Systems’

 

sosyal medya reklam ajansları en iyi sosyal medya ajansları medya ajansları istanbul reklam ajansları istanbul reklam ajansları reklam şirketleri en iyi reklam ajansları en ünlü reklam ajansları en iyi ajanslar listesi
slot gacor scatter hitam scatter hitam pgslot bewin999