Farmers are earning huge income from Peepli cultivation.

पीपली की खेती से किसान कमा सकते है लाखों रुपए

नई दिल्ली। आज के बदलते समय किसान पारंपरिक खेती छोड़ कर नए तरीके से खेती कर रहे हैं। अब किसान फूल पत्तियों के साथ बहुत से औषधीय पौधे की भी खेती करने लगे है। इनमें से एक औषधीय पौधा है पीपली, जिसकी खेती से किसानों को तगड़ी कमाई हो रही है। आज नर्सरी टुडे आपको बताने वाला है कि कैसे आप पीपली की खेती करते हैं।

कैसे करें पीपली की खेती?

पीपली का पौधा 2 तरह का होता है। छोटी पीपली और बड़ी पीपली। पीपली की खेती करने के लिए इसके सही किस्म चुनना जरूरी होता है। पीपली की खेती के लिए लाल मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी सही रहती है। जहां इसकी खेती की जा रही हो। वहीं पानी के निकलने के लिए ड्रेनेज व्यवस्था सही होनी चाहिए।  तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसकी खेती हो रही हैं। पीपली की खेती में सिंचाई की व्यवस्था होनी चाहिए। इसे फरवरी या मार्च के महीने में लगाना चाहिए। पीपली का पौधा लगाने के बाद 5 से 6 साल तक रहता है। पिपली के पौधे की रोपाई के बाद ही करीब 6 महीने के भीतर उसमें फूल आने लगते हैं। जैसे ही फूल काले पड़ जाएं तो उसे तोड़ देना चाहिए और सूखने के बाद वह बेचने के लायक हो जाते हैं। एक हेक्टेयर में पिपली की उपज 4 से 6 क्विंटल होती है। जिससे अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है। इसका प्रयोग आयुर्वेद में भी मिलता है। इसका प्रयोग सर्दी, खांसी, जुकाम, अस्थमा, पीलिया इन बीमारियों में किया जाता है।

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