Hi-tech nurseries are being prepared to provide high quality plants to the farmers of Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश के किसानों को उच्च क्वालिटी के पौधे उपलब्ध कराने के लिए तैयार की जा रही हैं हाईटेक नर्सरी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सरकार किसानों की आमदनी में इजाफा करने के लिए बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसी श्रृंखला में किसानों को उन्नत किस्म के पौधे आराम से प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार में जगह जगह हाईटेक नर्सरियां स्थापित करने की तैयारियां कर रही है। इस कड़ी में सरकार राज्य में किसानों को उच्च क्वालिटी के पौधे उपलब्ध कराने के लिए इजरायली तकनीक पर आधारित हाइटेक नर्सरी बना रही है।

इस विषय में जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि किसानों को विभिन्न प्रजातियों के उच्च क्वालिटी के पौधे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इजरायली तकनीक पर आधारित हाइटेक नर्सरी तैयार की जा रही है। यह कार्य मनरेगा अभिसरण के तहत उद्यान विभाग के सहयोग से कराया जा रहा है और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की दीदियां भी इसमें हांथ बंटा रही हैं। इससे स्वयं सहायता समूहों को काम मिल रहा है। विशेष तकनीक का प्रयोग करके ये नर्सरी तैयार की जा रहीं हैं।

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राज्य में स्थापित की जाएगी 150 हाईटेक नर्सरी

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार पौधरोपण को बढ़ावा देने के साथ बागबानी से जुड़े किसानों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम कर रही है। मनरेगा योजना से 150 हाईटेक नर्सरी बनाने के लक्ष्य के साथ तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश भर में 150 हाईटेक नर्सरी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बुलंदशहर के दानापुर और जाहिदपुर में हाईटेक नर्सरी बनकर तैयार भी हो चुकी है। 32 जिलों की 40 साइटों पर हाईटेक नर्सरी बनाने का कार्य किया जा रहा है। कन्नौज के उमर्दा में स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल की तर्ज पर प्रदेश के सभी जनपदों में दो-दो मिनी सेंटर स्थापित करने की कार्यवाही जारी है।

किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी

राज्य में किसानों को उन्नत किस्म के पौध के लिए भटकना नहीं पड़ेगा समूह के सदस्यों को रोजगार नर्सरी की देख-रेख करने के लिए स्वयं सहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई है। समूह के सदस्य नर्सरी का काम देखते हैं, जो पौधों की सिंचाई, रोग, खाद-बीज आदि का जिम्मा संभालते हैं। इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है ।

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सरकार उच्च क्वालिटी व उन्नत किस्म के पौधों की नर्सरी को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है। प्रत्येक जनपद में पौधशालाएं बनाने का कार्य किया जा रहा है। इनमें किसानों को फूल और फल के साथ सर्पगंधा, अश्वगंधा, ब्राह्मी, कालमेघ, कौंच, सतावरी, तुलसी, एलोवेरा जैसे औषधीय पौधों को रोपने के लिए जागरूक किया जा रहा है। किसानों को कम लागत से अधिक फायदा दिलाने के लिए पौधरोपण की नई तकनीक से जोड़ा जा रहा है। योजना के तहत अब तक 7 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान हाईटेक नर्सरी के निर्माण में किया जा चुका है। बुलंदशहर में 2, बरेली, बागपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ, महोबा, बहराइच, वाराणसी, बलरामपुर समेत 9 जनपदों में हाईटेक नर्सरी की स्थापना के लिए अब तक 7 करोड़ रुपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।