In the five-day training camp, the farmers of Bilaspur learned the tricks of natural farming

पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में बिलासपुर के किसानों ने सीखे प्राकृतिक खेती के गुर

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में उद्यान विभाग के सौजन्य से जिला बिलासपुर के किसान बागबान मित्रों ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण 40 किसान बागवान दल ने करनाल के डेयरी एवं पशु पालन राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान, लाडवा कुरुक्षेत्र के विशाल फलोद्यान, कुरुक्षेत्र हरियाणा में गुरुकुल प्राकृतिक खेती फार्म हाउस के बारे में जानकारी प्राप्त कर कई गुर हासिल करने के बाद वापस लौट आए हैं। इस भ्रमण में किसानों को डाक्टर विनोद कुमार ने प्राकृतिक खेती, रसायन मुक्त गोमूत्र, गुड, मिट्टी गोबर, बेसन से जीवामृत बनाने, नीम, अरंडी, गोमूत्र से कीट पतंग नाशक बनाने की विधियों से अवगत करवाया।

किसानों को लाडवा में डाक्टर सोलंकी ने जीरो बजट खेती, रसायनिक खाद रहित माल्टा, मौसम्मी, स्वीट, ऑरेंज, आम, अमरूद, लिची, नींबू, अनार, पपीता, आंवला व सेब आदि फलोधायन विकसित करने का प्रशिक्षण दिया। डाक्टर सोलंकी ने जानकारी देते हुए बताया कि बागवान लार्ज स्केल पर फलदार पौधे लगाने का कार्य करें, ताकि ज्यादा उत्पादन में अधिक कमाई हो बगीचे में पौधों के बीच खाली भूमि पर फूल, दाल सब्जी, मसाले, सरसों, हल्दी, अदरक, लहसुन, मिर्च, प्याज, गेहूं, जौ, चना आदि फसलें मोटा अनाज भी उगा सकते हैं।
उद्यान अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के भ्रमण में पवन कुमार, नंद कुमार, मनोज कुमार, विजय कुमार, रामलाल, शंकर सिंह, रामपाल, गोपाल, नरेश, ब्रजेश कुमार, विजय पाल, निर्मल, कर्म सिंह, अंजू वाला, निशांत, सुनीता, रेशमा, सुषमा, यतीश, पुष्पा देवी, रमेश कुमार, जसवंत सिंह, सुमना, सुनीता देवी, मोती लाल, राजकुमार, धर्म चंद, राजेंद्र कुमार, सीता राम शर्मा, अजय सिंह, कुलदीप शर्मा, सागर, देवराज, सूरज, सदा राम, देवीदत्त, जगत राम, हरी दास, सरवन व बर्फी राम आदि ने बागवानी में जीरो बजट बागवानी के गुर सीखे। इस दौरान 180 एकड़ जमीन में फैले इस प्राकृतिक खेती फार्म हाउस, 30 एकड़ के फलोद्यान, 200 एकड़ डेयरी अनुसंधान संस्थान में किसानों ने भ्रमण किया।