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देहरादून: उत्तराखंड में ज़मीन से जुड़े कानून में बड़ा बदलाव हुआ है। उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 में संशोधन कर नया भू-कानून बनाया गया है, जिसे राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। अब यह कानून जल्द ही राजपत्रित अधिसूचना के बाद लागू हो जाएगा। इस नए कानून के तहत, अब कोई भी बाहरी व्यक्ति हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों को छोड़कर राज्य के बाकी 11 जिलों में कृषि या बागवानी के लिए ज़मीन नहीं खरीद सकेगा। इन दोनों जिलों में भी ज़मीन खरीदने के लिए जिलाधिकारी नहीं, बल्कि शासन स्तर से अनुमति लेनी होगी।
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नगर निकाय क्षेत्रों को छोड़कर, बाहरी राज्य के लोग जीवन में एक बार आवासीय मकसद से अधिकतम 250 वर्ग मीटर ज़मीन खरीद सकेंगे, वो भी शपथपत्र के साथ। औद्योगिक प्रयोजन के लिए ज़मीन खरीदने के नियम पहले जैसे ही रहेंगे। अगर किसी ने कानून का उल्लंघन किया, तो ज़मीन सरकार की संपत्ति बन जाएगी। भूमि खरीद की प्रक्रिया अब पोर्टल के ज़रिए मॉनिटर होगी और सभी जिलाधिकारी शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार पिछले तीन सालों से इस कानून पर काम कर रही थी। 2022 में बनी समिति ने 23 सिफारिशें दी थीं, जिनके आधार पर यह सशक्त भू-कानून तैयार हुआ है। यह कानून राज्य की भूमि की सुरक्षा और स्थानीय हितों की रक्षा के लिए अहम माना जा रहा है।