The Supreme Court on Tuesday said that it is the responsibility of the state government to conserve trees.

संविधान के अनुच्छेद-51ए के मुताबिक पेड़ों को बचाना सबका कर्तव्य, राज्य सरकार का विशेष दायित्व-SC

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पेड़ों का संरक्षण करना राज्य सरकार का दायित्व है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति से कहा कि वह ताज ट्रैपेजियम जोन में सड़क परियोजना के लिए 3874 पेड़ों को काटने के बजाय उसका वैकल्पिक समाधान खोजे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ताजमहल एवं इसके आसपास के क्षेत्र के संरक्षण  संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई कर रह थी। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि राज्य सरकार आगरा-जलेसर-एटा रोड के प्रस्तावित मार्ग का स्केच उपलब्ध कराए और कहा कि पेड़ों को बचाने की संभावना के बारे में सूचित करे।

क्या है ताज ट्रैपेज़ियम ज़ोन?

ताज ट्रैपेज़ियम ज़ोन, ताज महल स्मारक को प्रदूषण से बचाने के लिए चारों ओर सीमांकित किया 10,400 वर्ग किमी का एक क्षेत्र है। ताज महल को पर्यावरण प्रदूषण से बचाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका के जवाब में, देश के सर्वोच्च न्यायालय ने ताज ट्रैपेज़ियम ज़ोन के अंतर्गत आने वाले उद्योगों के संबंध में 30 दिसंबर, 1996 को एक फैसला सुनाया था।

पेड़ों को बचाना  सबका  दायित्व- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद-51ए के मुताबिक, पेड़ों को बचाना हर नागरिक का दायित्व है। कोर्ट ने इस मामले की सुनावाई 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी और उत्तर प्रदेश सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि डिवीजनल फारेस्ट ऑफिसर कुछ पेड़ों के ट्रांसलोकेशन की संभाव्यता पर रिपोर्ट दें।

अवैध कटाई  पर हो कार्रवाई

शीर्ष अदालत ने 12 पेड़ों की कटाई की अनुमति मांगने की याचिका को अनुमति प्रदान करते हुए कहा कि सीईसी की रिपोर्ट में कुछ शर्तों के साथ इन पेड़ों को काटने की अनुमति प्रदान कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी स्थान से कोई भी पेड़ काटना अपराध की श्रेणी में आता है। अवैध पेड़ों की कटाई के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।