In view of the possibility of hailstorm in Himachal Pradesh,

हिमाचल में बागवान लगा रहे हैं बगीचे में जालियां

नई  दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में ओलावृष्टि की आशंका को देखते हुए बागवानों ने पौधों में फूल आने से पहले ही बगीचों में जालियां लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। इससे सेब समेत स्टोन फ्रूट को ओलावृष्टि से सुरक्षा कवच मिलेगा। बता दें कि शिमला समेत कई जिले के बागवानों ने ओलावृष्टि से बचाने के लिए जालिंया लगाया हैं।कोटखाई, ठियोग, कोटगढ़, नारकंडा, जुब्बल, रोहड़ू और चिड़गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में सेब के पौधों पर इन दिनों जालियां लगाने का काम बागवान कर रहे हैं। बागवानों का मानना है कि ओलावृष्टि से सेब और अन्य फलों को दागी होने से बचाने के लिए एंटी हेलनेट जरूरी है।

प्रदेश में हर साल ओलावृष्टि होने से सेब की फसल नष्ट हो जाती है। फसलों की सुरक्षा के लिए बागवानी मिशन के तहत केंद्र सरकार ने एंटी हेलनेट योजना शुरू की है। जून के दूसरे सप्ताह में जालियों को पौधे से निकाल दिया जाता हैं। क्योंकि जून में ओले पड़ने की संभावना कम होती है।

सरकार की ओर से एंटी हेलनेट स्कीम को अब उद्यान विभाग में शामिल कर दिया है। इस योजना में किसानों-बागवानों को 80 फीसदी अनुदान मिलता है। योजना के तहत नेट लगाने के लिए इस्तेमाल होना वाले बांस पर भी अनुदान दिया जाता है।

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