Mango gardening requires special care during the month of April.

आम की बेहतर उत्पादन के लिए जानें कृषि विभाग की सलाह

नई दिल्ली। अप्रैल के समय में आम की बागवानी में विशेष देखभाल की आवश्कता होती है। गर्मियों के सीजन लगभग शुरू हो चुके हैं। आम की बागवानी करने वाले बागवानों के लिए बिहार सरकार ने  दहिया और मधुआ कीट से बचाव के लिए  सलाह जारी कर दीया है। कृषि विभाग ने कहा हैं कि समय रहते आम के बाग से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। देखा जाए तो इस समय आम के पेड़ों पर मंजर के बाद छोटे-छोटे फल लगने शुरू हो गए है। आम के पेड़ों में कीट लगने से फल की पैदावार पर असर पड़ सकता है। जिसके कारण आम की बागवानी करने वाले बागवानों को कई सारे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जब आम का फल सरसों के बराबर हो जाए तो बागवानों को कीटनाशी के साथ-साथ एक फफूंदनाशी मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से मंजर को पाउढरी मिल्ड्यू एवं एन्थ्रेकनोज रोग नहीं लग पाता है। साथ की किसान इस घोल में अल्फा नेपथाईल एसिटिक एसिड को भी मिला सकते हैं। जब आप के टिकोले मटर के दाने के आकार के बराबर हो जाए, तो ऐसे में आपको कीटनाशी के साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड के साथ फफूंदनाशी को मिलाकर छिड़काव करें।

आम के पेड़ पर लगने वाले कीट

फुदका कीट के बच्चे तथा वयस्क दोनों मुलायम प्ररोहों, पत्तियों तथा फूलों का रस चूसते हैं। इसके प्रभाव से मंजर सूखकर गिर जाते हैं। भुनगा कीट पेड़ों की पत्तियों, प्ररोहों आदि पर लग जाता हैं। गुजिया कीट सफेद रूईनुमा संरचना बनाकर अपने शरीर को ढंककर रखते हैं जिनसे इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। ये पत्तियों तथा फूलों का रस चूसते हैं। इसके अलावा कई सारे कीट हैं।

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