सौंदर्य और सुगंध से भरे फूलों का बड़ा गुलदस्ता-सा है लोधी गार्डन

रितेश बाजपेयी

लोधी गार्डन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सबसे रमणीय स्थानों में से एक है। यह अपनी सुंदरता के कारण विख्यात हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टिकोण से तो महत्वपूर्ण है ही, यहां के रंग-बिरंगे फूल, तरह-तरह के सजावटी पौधे, रंग-बिरंगी पत्तियों वाले पेड़ आगंतुक का मन मोह लेते हैं।

लोधी गार्डन मूल रूप से एक गांव था जिसके आस-पास लोधी वंश का स्मारक है। यहां के नाना प्रकार के लगे हुए पौधों सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। दिल्ली एमसीडी की ओर से लोधी गार्डन को हमेशा हरा-भरा रखा जाता है। 90 एकड़ में फैले हुए इस विशाल गार्डन में दिल्ली सल्तनतकालीन कई प्राचीन स्मारक भी हैं। इसके सुंदरता के कारण राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले लोग इसमें सुकून का सांस लेते हैं। यह दिल्ली के पॉश इलाके लोधी स्टेट से लगा है। जब इसके इतिहास पर नजर डालते हैं, तो पता चलता है कि, सैय्यद राजवंश के अंतिम शासक अलाउद्दीन-आलम शाह द्वारा अपने पिता मोहम्मद शाह की कब्र 1444 ई. में बनाई गई थी। गार्डन में स्थित एक महत्वपूर्ण मकबरा लोदी राजवंश के सिकंदर लोदी का है, जिसे 1517 में उनके बेटे इब्राहिम लोदी ने बनवाया था। वही सैय्यद और लोधी वंश के शासन के दौरान यहां कई अन्य संरचनाएं भी बनाई गई थीं। इस गार्डन को 1936 में ब्रिटिश सरकार ने लेडी विलिंगडन पार्क नाम रख दिया। फिर देश आजाद होने के बाद इसका नाम बदलकर लोधी गार्डन रख दिया गया। वहीं इस गार्डन में मुहम्मद शाह का मकबरा, बड़ा गुम्बद, शीश गुम्बद,अठपुला अभी भी मौजूद हैं, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

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90 एकड़ में फैला लोधी गार्डन का सुंदर नजारा दिल्ली की शोर भरी सड़कों से राहत दिलाता है। यहां तरह-तरह के देशी-विदेशी फूलों की क्यारियां सौंदर्य की अनोखी छटा विखेरती हैं, तो वातावरण विभिन्न सुगंधों से भरा होता है। विभिन्न प्रकार के पुराने पेड़ बगीचे के मैदान को इस तरह घेर रखे हैं, मानो बुजुर्गों की तरह अपने परिवार की निगरानी कर रहे हों। इस क्षेत्र में ठहरने वाले पर्यटक और निवासी यहां टहलने, पिकनिक मनाने या सुबह की सैर के लिए आते हैं। कुछ लोग यहां प्रकृति के बीच बैठकर आराम करते हैं। लोधी गार्डन के दृश्य प्रकृतिप्रेमी कलाकारों को तो आकर्षित करते ही हैं, प्रेमी जोड़े भी आमतौर पर यहां फूल-पत्तियों से अठखेलियां करते दिखते हैं। इसे कुछ उल्लेखनीय मूर्तियों और कलाकृतियों से सजाया गया है।

दिल्ली के विशाल उद्यानों में से एक लोधी गार्डन पहुंचने वाला व्यक्ति आह्लाद से भर जाता है। यह आते ही आदमी दिल्ली की गहमागहमी और शोर से मुक्त हो जाता है। आसान भाषा में कहा जा सकता है कि लोदी गार्डन खिले फूलों का एक बड़ा गुलदस्ता है। युवाओं का जमघट तो लगा ही रहता है, यहां हर आयु वर्ग के लोग इस वातावरण में खुद डुबाते देखे जा सकते हैं।

लोधी गार्डन में हैं भव्य फूलों के पौधे
लोधी गार्डन सभी मौसम में अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है, यहां नाना प्रकार के फूल खिलते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं, कुछ फूल मौसमी होते हैं, लेकिन अगर आप किसी भी मौसम में लोधी गार्डन जाते हैं, तो आपको यहां मौसमी फूलों की सुंदरता लुभायेगी।

देखने में खूबसूरत लोधी गार्डन में लगाए गए सुगंधित और रंगीन फूलों को देखना सभी को आनंद प्रदान करता है। हम इस लेख के माध्यम से लोधी गार्डन की सुंदरता का वर्णन तो कर रहें है, लेकिन इसकी झलक को आप जाकर ही देख सकते हैं। आमतौर पर सजावटी फूल और लताओं की कई किस्में यहां पाई जाती हैं, जिसकी देखभाल एनडीएमसी दिल्ली की ओर से की जाती है।

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आप तो जानते ही हैं कि जहाँ फूल होते हैं, वहां अनेक रंग-बिरंगी तितलियां भी होती हैं। यहां फूलों से पराग लेती तिललियों के झुंड और उनकी अनुगूंज अलग ही नजारा पेश करते हैं।

लोधी गार्डन में बोगनविलिया फूल के पेड़ यहां की सुंदरता में चार चांद लगाता है। इसकी विशेष चर्चा की वजह ये भी है कि साल भर इसमें फूल आते हैं। यह अपने फूल से विशेषकर वसंत ऋतु में अपार सोभा बढ़ाता है।

कुछ ऐसे सजा है पूरा गार्डन
इसके अलावा लोधी गार्डन में अनेक प्रकार के विदेशी फूल भी लगाए गए हैं, जिनमें कैलेंडुला, कोरिएपसिस, साल्विया, डवारफ, डेडेंस, पैट्यूनिया, पेन्जी, डैफ्रोमोटिका, डेलियॉज, लिन्म, एटिनम, लेडीज पर्स, स्वीट विलियम, होलीहक, लैक्स व स्ट्रॉक्स भी इस गार्डेन की शोभा बढ़ा रहे हैं।

लोधी गार्डेन में 200 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के गुलाब की वेरायटी देखने को मिल जाएगी। इनमें मिस्टर लिंकन, हाईब्रिड गुलाब, बुश गुलाब, स्टैंडर्ड गुलाब, क्लिंबर गुलाब आदि किस्म शामिल हैं। यहां पर पीले, गुलाबी, हल्के गुलाबी, लाल, गहरे लाल, सफेद, नारंगी, मैरून रंग के गुलाब खिले हुए हैं। गार्डन में सैर करने आ रहे लोगों पर विशेष नजर रखी जाएगी, ताकि कोई भी फूल न तोड़े और पौधों को नुकसान न पहुंचाए। लोधी गार्डन में ट्यूलिप बल्ब के पौधे लगाए गए हैं, यह अपने रंग-बिरंगे फूलों के गार्डन की शोभा बढ़ाता है। इसकी देखभाल एनडीएमसी हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के कर्मचारी करते हैं। लोधी गार्डन में चंदन की पेड़ भी लगाए गए हैं, इसकी खुशबू से पूरा गार्डन महकता है। यहां 100 से ज्यादा चंदन के पेड़ लगाए गए हैं। चंदन के पौधों की चोरी और क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए गार्ड भी तैनात किए गए हैं, ताकि पौधों की पूरी तरह से सुरक्षा की जा सके।

लोदी गार्डन में करीब 100 पेड़ों पर दफ कोड लगाए गए हैं, मोबाइल फोन के माध्यम से स्कैन कर पेड़ के बारे में आप पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसमें पेड़ से संबंधित विवरण—जैसे पेड़ किस प्रजाति का है, कहां पाया जाता है, पेड़ की आयु क्या है आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें करीब सात हजार प्रजाति के पेड़ लगे हुए हैं।

बोनसाई पार्क
इसके अंदर एक राष्ट्रीय स्तर का ऐतिहासिक बोनसाई पार्क भी है, जो बोन्साई प्रेमियों के लिए बड़ा आकर्षण है। पार्क में बोनसाई पेड़ों का विविध संग्रह है, जो काफी प्रभावित करता है।

लोधी गार्डन में कई प्रकार के पेड़ों के बोनसाई का पौधे लगाए गए हैं। यह पौधा आसपास की खूबसूरती को बढ़ाता है। साथ ही इससे वातावरण भी शुद्ध होता है। वास्तु के अनुसार घर के आसपास बोनसाई का पौधा लगाना शुभ माना गया है।

दिल्ली आने वाले पर्यटक इसकी खूबसूरती का मजा लेने के लिए घूमने जरूर आते हैं। लोधी गार्डन न केवल शांति का अनुभव कराता है, बल्कि यहां जाने से लोग खुद को प्रकृति के करीब महसूस करते हैं।

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