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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को काबू में रखने के लिए दिल्ली सरकार भरसक प्रयास कर रही है। इसी के अंतर्गत, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू हो गया है। पिछले दो दिनों से दिल्ली के वायु गुणवत्ता बहतु खराब रही है। सोमवार को केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति की बैठक में वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया।
आमतौर पर ग्रैप-1 तब लागू किया जाता है, जब शहर का एक्यूआई 200 से अधिक हो जाए । ग्रैप-1 लागू होने के बाद पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों (बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल) के पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। साथ ही निर्माण के समेत में काम से काम धुल उड़े और विध्वंस (सीएंडडी) गतिविधियों में धूल शमन उपायों और सीएंडडी कचरे के ठोस पर्यावरण प्रबंधन पर निर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के भूखंड आकार वाली ऐसी परियोजनाओं के संबंध में सीएंडडी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी ।
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सड़कों पर समय-समय पर मशीन से सफाई और पानी का छिड़काव करना होगा। सीएंडडी सामग्री और अपशिष्ट को परिसर में उचित रूप से कवर किया जाएगा। वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों की कड़ी निगरानी करनी होगी। डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं किया जा सकता है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत इन चीजों का रखें ध्यान रखना ज़रूरी है जैसे अपने वाहनों के इंजनों को ठीक से ट्यून करके रखें और साथ साथ वाहनों में टायर का उचित दबाव बनाए रखें। वाहन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों या ईवी को प्राथमिकता दें।
311 एप, ग्रीन दिल्ली एप, समीर एप आदि के माध्यम से प्रदूषण फैलाने वाले आदमियों के विरुद्ध रिपोर्ट कर सकते हैं ताकि उनके खिलाफ तुरंत करवाई कि जाए और प्रदूषण को बढ़ने से रोका जाए, अधिक से अधिक पौधे लगाएं और वातावरण के स्वस्थ रखे।