Ramesh Singh is cultivating banana through tissue culture.

यह किसान टिश्यू कल्चर से करता है केले की खेती

नई दिल्ली। बिहार के लोग रोजगार की तलाश में अक्सर दूसरे प्रदेशों में पलायन करते रहते हैं,  क्योंकि यहां खेती से भी लोगों को ज्यादा कमाई नहीं हो पाती है। लेकिन बेगूसराय जिले के किसान रमेश सिंह ने कृषि के क्षेत्र में बदलाव किया है। रमेश सिंह  टिश्यू कल्चर से केला की खेती कर रहे हैं। बता दें कि टिश्यू कल्चर से केले की खेती परंपरागत तरीके से की जाने वाली खेती के मुकाबले कुछ दिनों पहले ही तैयार हो जाती है। इसके साथ ही केले की फलन भी अधिक होता है।

सरकारी करती है सहयोग

केले की खेती करने में एक एकड़ 1.50 लाख का खर्च आता है। बिहार सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जा रही हैं। सरकार टिश्यू कल्चर से केला की खेती को ज्यादा बढ़ावा दे रही है। रमेश सिंह 9 प्रकार के केले कि खेती करते है। यह 18 महीने में तैयार हो जाता है। उन्हें 3 एकड़ से 8 लाख से ज्यादा की आमदनी प्राप्त हो जाती है।

बागान में  आते हैं  व्यापारी 

रमेश सिंह को केले कि बिक्री करने की कोई टेंशन नहीं होती है। बाहर से आने वाले कारोबारी बागान में आकर ही केले को खरीद लेते हैं। वे 3 एकड़ से लगभग आठ लाख से ज्यादा की कमाई कर रहे है। टिश्यू कल्चर से केले के पौधे को तैयार किया जाता है। टिश्यू के टुकड़े को एक जैली में रखा जाता है जिसमें पोषक तत्व और प्लांट हार्मोन होते हैं। टिश्यू कल्चर वाले पौधे जो किसी भी तरह के कीट और रोग से मुक्त होते हैं। इसके सभी पौधे एक समान होते हैं और यही वजह है कि उत्पादन में भी अच्छी होती है।

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