दिल्ली में शुरू है ट्यूलिप महोत्सव, नीदरलैंड से आए दो लाख फूलों का करे दीदार
नई दिल्ली। वसंत ऋतु का आगमन हो चुका है, दुनिया के कई देशों में शरद या वसंत ऋतु में ट्यूलिप महोत्सव का आयोजन किया जाता है। दिल्ली में भी हर साल ट्यूलिप महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस साल दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित शांति पथ पर इसका आयोजन किया गया है। बता दें कि ट्यूलिप के फूल लिली परिवार के बारहमासी फूलों में से एक होते हैं। यह फूल वसंत ऋतु और ठंड के दिनों में खिलता है। ट्यूलिप के फूल दिखने में कप की तरह होते हैं। यह लाल, पीले, परपल और सफेद आदि रंग के होते हैं ।
यहां ट्यूलिप के आठ रंग देखने को मिलेंगे
ट्यूलिप महोत्सव 2024 का आयोजन नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की देख-रेख में किया गया है। NDMC के असिस्टेंट डायरेक्टर योगेंद्र सिंह डबास ने बताया कि ट्यूलिप महोत्सव 10 फरवरी से चल 21 फरवरी 2024 तक है। यहां ट्यूलिप के 8 रंग देखने को मिलेंगे जिसमें गुलाबी, लाल, ऑरेंज, पर्पल, काला और पीला आदी रंग हैं। NDMC के हॉर्टिकल्चर माली विभाग के प्रमुख सत्येन्द्र पाल चौधरी ने कहा कि ट्यूलिप को हॉलैंड से मगाया गया था। इसका जड़ प्याज की आकार का होता है, जिसे मिट्टी में लगाने पर उगता है और फूल निकलता है। उन्होंने नर्सरी टुडे को बताया कि हमलोगों ने मात्र तिन माह पहले शांति पथ पर ट्यूलिप को लगाया था, इतने कम समय में इसमें फूल भी आ गए है। ये महोत्सव 10 फरवरी से 21फरवरी तक रहेगा और ये सुबह 11 बजे शुरू होता है और शाम 6 बजे तक चलता है, साथ ही इसकी एंट्री फ्री है।
तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दिया था नई किस्म का नाम
भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 4 अप्रैल, 2022 को नीदरलैंड में ट्यूलिप के नए नस्ल का नाम ‘मैत्री’ रखा था। इस अवसर पर नीदरलैंड के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री, वोपके होकेस्ट्रा ने भी भाग लिया था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति ने कहा था कि आज भारत-नीदरलैंड संबंधों के लिए एक नया फूल खिलेगा। उन्होंने भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के जश्न मनाने के लिए इस फूल का नाम दिया था।