This district of Madhya Pradesh becomes first in orange production

मध्य प्रदेश का यह जिला बना संतरा उत्पादन में अव्वल

नई दिल्ली। संतरे की खेती के लिए नागपुर का नाम पूरे दुनिया में विख्यात है। यहां बड़ी मात्रा में किसान संतरे की खेती करते हैं। लेकिन अब मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के किसान जमकर संतरे की खेती कर रहे हैं। नागपुर की तरह अब शाजापुर के संतरे की मांग भी देश में होने लगी है। यहां किसानों के बगीचे में पेड़ संतरे से लदे हुए हैं। किसान खेत में ही संतरे को बाहर के व्यापारी से बेच देते हैं।

संतरे की फसल जनवरी में तैयार होने लगती है और मार्च तक रहती है। जिले के किसान विष्णु धाकड़ के अनुसार  संतरे का पौधा पांच वर्ष में ही फसल देने लगता है। इस पौधे की उम्र बीस साल तक रहती  है। यानी एक बार पेड़ तैयार होने के बाद 15-16 साल तक फल प्राप्त किया जा सकता है।

संतरे को सामान्य जलवायु में भी आसानी से उगाया जा सकता है। देश के कई हिस्से  में इसकी  खेती की जाती है। लेकिन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में संतरे की खेती और उत्पादन सबसे अधिक होता है।

मध्य प्रदेश के शाजापुर के संतरे को विश्व पहचान दिलाने के लिए वर्ष 2016 में संतरा उत्सव मनाया गया था। इस उत्सव में सेमिनार का आयोजन किया गया था। इसके साथ-साथ किसानों के लिए कई प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। संतरा उत्सव में संतरे से बने उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई गई थी।

 

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