It is said that if you feel like doing something then even the biggest task can be made easy.

धान-गेहूं की खेती छोड़ फूल की खेती कर रहे हैं इस गांव के किसान

नई दिल्ली।  कहते हैं ना, कि अगर कुछ करने का मन हो तो बड़े से बड़े काम को भी आसान बनाया जा सकता है। इसी तरह का एक मिसाल कायम किया है। बिहार के सारण जिले के चंचलिया गांव के रहने वाले किसानों ने। यहां लगभग आधा दर्जन किसानों ने मिलकर फूल की खेती शुरू की हैं।  फूलों की खेती करने वाले किसान पहले दूसरे प्रदेशों में जाकर रोजगार करते थे, लेकिन अब समय कुछ अलग है। अब फूलों की खेती से किसानों की स्थिति में सुधार होने लगा है।  किसान गेंदे के फूल की खेती करके प्रति कट्ठे जमीन पर एक माह में 10 से 12 हजार रुपये की कमाई कर रहे हैं। यहां के किसान गेंदा, गुलाब और रजनीगंधा की खेती कर रहे हैं।

सबसे पहले एक ने शुरू की खेती

गांव के किसान बताते हैं कि, सबसे पहले एक किसान ने गेंदे की खेती शुरू की थी, लेकिन उसके बाद अब गांव के अन्य किसान भी फूलों की खेती करने लगे हैं। किसान बताते हैं कि धान, गेहूं के मुकाबले फूल की खेती में ज्यादा आमदनी है।

नहीं मिली कोई सुविधा

गांव के किसान अजय भगत बताते हैं कि फूलों की खेती को देखने के लिए बहुत से अधिकारी आए , सब देखकर चले गए। लेकिन गांव के  किसानों को सरकार की ओर से या जिला कृषि विभाग से कोई सहायता नहीं मिली। यहां वर्ल्ड बैंक नाबार्ड की टीम भी आई थी, लेकिन उससे कोई सहायता अभी तक नहीं मिली है।

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