In today's changing times, farmers earn better income from flower farming.

पिंचिंग विधि से हो रही है गेंदे फूल की खेती

नई दिल्ली। आज के बदलते समय में किसानों को फूलों की खेती से बेहतर कमाई होती हैं। कम दिनों में अगर आप भी गेंदा की फूल की ज्यादा पैदावार चाहते है तो आपको आज बताने वाले है पिंचिंग विधि के बारे में कैसे इस विधि से खेती की  जा सकती है। इसके लिए किसानों को गेंदे की फलस में प्रति हेक्टेयर 120 किग्रा नाइट्रोजन, 100 किग्रा फास्फोरस और 100 किग्रा पोटाश देना चाहिए। खेत की तैयारी करते वक्त नाइट्रोजन की आधी मात्रा पौधे लगाने के 30 दिन बाद और बाकी मात्रा पौधे लगाने के 50 दिन बाद देनी चाहिए।

क्या है पिंचिंग विधि

पिंचिंग विधि यानी कि कलिया तोड़ना। पिंचिंग का गेंदे की खेती में बहुत महत्व है। दरअसल, पौधा रोपाई के 35-40 दिन बाद गेंदे के पौधे जमीन में ठीक से लग गए होते हैं। गेंदे का पौधा 35-40 दिन बाद बड़ा हो ताजा है। मार्च में पौधों में कलियां और पत्ते भर-भर के आते हैं, अगर आप चाहते हैं कि गेंदे में फूल आएं तो इसके लिए कलियों को तोड़ना जरूरी होता है। पौधे के ऊपर की कलिका को दो पत्तियों सहित हाथ से तोड़ दें।

भारत में हो रही है गेंदे की खेती

भारत में भारी मात्रा में गेंदे की खेती की जाती हैं। इसकी खेती से किसानों को बेहतर आय भी हो रहा है। इसमें धार्मिंक अनुष्ठानों के अलावा कई प्रॉडक्ट्स बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में हमेशा कोई ना कोई त्योहार होता है।  इस दौरान  इसकी मांग खूब देखने को मिलती है। गेंदा फूल की खेती करने से पहले उन्नत किस्म के बीजों के जरिये इसकी नर्सरी तैयार करनी होती है और महीनेभर बाद में पौधों की खेतों में लगाई जाती है। इसके रोपाई के 40 दिन बाद पौधों से खेत  भर  जाता हैं।

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